IAS Officers Transfer in Punjab – पंजाब (Punjab) में एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल देखने को मिला है, जिसमें तीन आईएएस (IAS) अधिकारियों का तबादला किया गया है। खास बात यह है कि इस बार पंजाब सरकार (Punjab Government) ने तबादलों से संबंधित आदेश पंजाबी भाषा (Punjabi Language) में जारी किए हैं, जो कि राज्य प्रशासन के इतिहास में पहली बार हुआ है। पहले ये आदेश आमतौर पर अंग्रेज़ी में जारी किए जाते थे, लेकिन इस नई पहल को क्षेत्रीय भाषा को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
इस फैसले का उद्देश्य स्पष्ट रूप से सरकारी कामकाज में पंजाबी भाषा की प्राथमिकता को दर्शाना और प्रशासन को आमजन के और करीब लाना है। इसके साथ ही यह संदेश भी देने की कोशिश की गई है कि अब प्रशासनिक कामकाज में भी स्थानीय भाषा को महत्व दिया जाएगा।
तबादलों की सूची इस प्रकार है:
परमजीत सिंह (Paramjit Singh), IAS (2016 बैच) को अब विशेष सचिव, समाज सुरक्षा विभाग (Social Security Department) और मिशन डायरेक्टर, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास (Women and Child Development) के पद पर नियुक्त किया गया है। वे इससे पहले अतिरिक्त उपायुक्त (शहर), जालंधर (Jalandhar) के पद पर कार्यरत थे।
सुरिंदर पाल (Surinder Pal), IAS (2017 बैच) को विशेष सचिव, लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) बनाया गया है। इससे पहले वे अतिरिक्त उपायुक्त (विकास), अमृतसर (Amritsar) के पद पर कार्यरत थे।
मंजिल गुप्ता (Manzil Gupta), IAS (2020 बैच) का स्थानांतरण उप सचिव, वित्त विभाग (Finance Department) के रूप में किया गया है। इससे पहले वे उप सचिव, लोक निर्माण विभाग में तैनात थीं।
पंजाबी भाषा को प्रमोट करने की कोशिश
पंजाब सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह प्रशासनिक बदलाव सरकारी कार्यों में पारदर्शिता, दक्षता और क्षेत्रीय भाषा को बढ़ावा (Promoting Regional Language) देने के लिए किया गया है। सरकार की यह पहल आम जनता को सरकारी कार्यप्रणाली से जोड़ने और क्षेत्रीय पहचान को सशक्त बनाने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है।
भविष्य में भी पंजाबी में आदेश जारी करने के संकेत
इस कदम को लेकर यह भी उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में प्रशासनिक आदेशों और अधिसूचनाओं में पंजाबी भाषा का अधिक उपयोग होगा, जिससे राज्य की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान को मजबूत किया जा सके। यह फैसला गूगल डिस्कवर (Google Discover) के लिहाज से भी एक अच्छा उदाहरण है कि कैसे लोकल लैंग्वेज कंटेंट को प्राथमिकता देने से रीडरशिप और विश्वास दोनों बढ़ते हैं।