नई दिल्ली, 27 जुलाई (The News Air)
भारत के भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को यूके हाईकोर्ट से सोमवार को बड़ा झटका लगा है। ब्रिटेन की एक अदालत ने भगोड़े भारतीय कारोबारी विजय माल्या को सोमवार को दिवालिया घोषित करने का आदेश जारी किया। अदालत के आदेश के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की अध्यक्षता में भारतीय बैंकों के समूह के लिए बंद पड़ी एयरलाइन किंगफिशर के ऊपर बकाए क़र्ज़ की वसूली को लेकर वैश्विक स्तर पर उनकी संपत्तियों की जब्ती की कार्रवाई करवाने का रास्ता साफ़ हो गया है।
लंदन के हाईकोर्ट के चांसरी डिविजन के मुख्य दिवाला एवं कंपनी मामलों (आईसीसी) के न्यायाधीश माइकल ब्रिग्स ने मामले की ऑनलाइन सुनवाई के दौरान अपने फ़ैसले में कहा, “मैं माल्या को दिवालिया घोषित करता हूं।”
भारतीय बैंकों की पैरवी कर रही लॉ फर्म टीएलटी एलएलपी और बैरिस्टर मार्सिया शेकरडेमियन ने भारतीय बैंकों के पक्ष में दिवालिया आदेश जारी करने को लेकर दलीलें रखीं। 65 साल कारोबारी माल्या फ़िलहाल ब्रिटेन में ज़मानत पर हैं। ऐसा समझा जाता है कि प्रत्यर्पण प्रक्रिया से जुड़े एक अलग मामले में देश में शरण देने के मुद्दे पर गोपनीय क़ानूनी कार्रवाई का समाधान होने तक वह ज़मानत पर रह सकते हैं।
माल्या के वकील फिलिप मार्शल ने मामले में स्थगन के साथ-साथ आदेश को स्थगित करने का आग्रह किया। हालांकि, अदालत ने उनके इस आग्रह को अस्वीकार करते हुए कहा कि इस बात के “पर्याप्त सबूत” नहीं है कि याचिकाकर्ताओं को उचित समय पर पूरा क़र्ज़ वापस कर दिया जाएगा। उन्होंने दिवालिया आदेश के ख़िलाफ़ अपील करने की अनुमति मांगने वाला एक आवेदन भी रखा, जिसे जज ब्रिग्स ने खारिज कर दिया क्योंकि अपील की सफलता की कोई वास्तविक संभावना नहीं थी।
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