पैक्ड फूड में कितना शुगर और कितना फैट बताया जाए…

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नई दिल्ली ,09 अगस्त (The News Air): सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर केंद्र और राज्यों से जवाब दाखिल करने को कहा है, जिसमें याचिकाकर्ता ने देश में डायबिटीज के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए कहा है कि पैक्ड फूड (Packed Food) पर फ्रंट ऑफ पैकेज लेबलिंग (FOPL) होनी चाहिए, जिसमें बताना चाहिए कि उसमें कितना शूगर और कितना फैट है। ताकि, कंस्यूमर जब ऐसे प्रॉडक्ट को खरीदें तो उन्हें पता हो कि उनके लिए यह ठीक है या नहीं। इस याचिका में केंद्र सरकार और राज्यों को इस बाबत निर्देश देने की गुहार लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे की सुनवाई के लिए 27 अगस्त की तारीख तय कर दी है।

यचिका में कहा गया है कि FSAI पहले ही FOPL को मान्यता दे चुका है और ऐसे में यह जरूरी है कि इस रेगुलेशन को जल्दी अमल में लाया जाए और बताया जाए कि फूड में कितना शूगर, फैट और अन्य कंटेंट हैं। एक संगठन की ओर से वकील राजीव शंकर द्विवेदी ने PIL दाखिल कर कहा है कि यह पब्लिक हेल्थ का मसला है। कई देशों में जंक फूड के खानपान पर रोक लगा दी गई है।

देश में डायबिटीज खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है, जो एक साइलेंट महामारी है। इस कारण हेल्थ केयर सिस्टम पर बोझ पड़ रहा है। भारत आजकल हेल्थ क्राइसिस झेल रहा है। इसका मुख्य कारण बच्चों में कुपोषण और मोटापा है। नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन में एक बच्चा कुपोषण का शिकार है और पांच साल से कम उम्र में भी बच्चे में मोटापा जैसी बीमारी हो रही है। ऐसी हालत में लोगों को पता होना चाहिए कि वह क्या खा रहे हैं।

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