जुलाना सीट विनेश फोगाट के लिए कितनी है मुश्किल

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हरियाणा, 07 सितंबर,(The News Air): हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के 30 दिन पहले रेसलर विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया शुक्रवार, 6 सितंबर को कांग्रेस में शामिल हो गए। विनेश का जुलाना सीट से चुनाव लड़ेंगी। यह उनका ससुराल भी है। कांग्रेस में शामिल होते समय विनेश ने कहा कि  बुरे टाइम पर पता लगता है कि साथ में कौन है। जब आंदोलन के दौरान हमें सड़क पर घसीटा जा रहा था, तब बीजेपी को छोड़कर देश की हर पार्टी हमारे साथ थी। मैं गर्व महसूस कर रही हूं कि मैं ऐसी पार्टी में हूं, महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय और बुरे बर्ताव के खिलाफ खड़ी है। जानते जुलाना सीट पर राजनीति का दंगल विनेश फोगाट के लिए कितना मुश्किल और आसान होगा।  

सहानुभूति से जीत की उम्मीद : विनेश और बजरंग ने 4 सितंबर को दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की थी। राहुल से मिलने के बाद वे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मिले थे। तभी चर्चा शुरू हो गई थी कि दोनों कांग्रेस में शामिल होंगे। विनेश फोगाट का मुकाबला मौजूदा जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के विधायक अमरजीत ढांडा से होगा। सीट पर असल लड़ाई तीन पार्टियों के बीच देखने को मिलेगी, जिसमें जेजेपी, बीजेपी और कांग्रेस शामिल हैं। 

विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में 100 ग्राम वजन अधिक होने के चलते फाइनल मुकाबले से बाहर हो गई थीं, वे गोल्ड मेडल से चूक गई थीं।  इस बार कांग्रेस को उम्मीद है कि विनेश फोगाट के सहारे सहानुभूति वोट कांग्रेस को मिलेगी और ये सीट जीत लेगी। 

बृजभूषण के खिलाफ किया था आंदोलन : विनेश भाजपा के सांसद और डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगा चुकी हैं। पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक के साथ विनेश ने बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन किया। 

3 सीटों का दिया गया था ऑफर : मीडिया खबरों के मुताबिक विनेश फोगाट को 3 सीटों का ऑफर दिया गया था। इनमें पहली 2 सीटें चरखी दादरी की दादरी और बाढड़ा थी, जबकि तीसरा ऑप्शन जींद की जुलाना सीट का दिया गया। जहां उनका ससुराल है।

 

4 बार कांग्रेस ने जीती सीट : जुलाना विधानसभा सीट साल 1967 में बनी थी। तब कांग्रेस ने यहां अपना खाता खोला था, लेकिन 13 चुनाव में कांग्रेस यहां पर सिर्फ 4 चुनाव ही जीत पाई है। 1967 में कांग्रेस, 1968 में स्वतंत्र पार्टी, 1972 में कांग्रेस 1977 में जनता पार्टी, 1982 और 1987 में लोकदल, 1991 में जनता पार्टी, 1996 में हरियाणा विकास पार्टी, 2000 और 2005 में कांग्रेस, 2009 और 2014 में  इंडियन नेशनल लोक दल और 2019 में इस सीट पर जननायक जनता पार्टी का कब्जा है।

2019 के चुनाव में कांग्रेस को मिली थी बुरी हार : कांग्रेस को इस सीट पर बुरी हार मिली थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल वोटर 173645 थे। इनमें से 126375 ने मतदान का उपयोग किया था। जननायक जनता पार्टी (JJP) के अमरजीत ढांडा ने 61942 वोट हासिल कर यह चुनाव जीता था। भाजपा के परमिंदर सिंह ढुल को 37749 वोट मिले जबकि कांग्रेस के धर्मेंद्र सिंह ढुल को केवल 12440 वोट मिले। 

क्या हो सकती है भाजपा की रणनीति : भाजपा ने पहली सूची में जुलाना उम्मीदवार के नाम के नाम का ऐलान नहीं किया है। भाजपा इस निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी आबादी के कारण ब्राह्मण को टिकट दे सकती है। निर्वाचन क्षेत्र में जाट सबसे बड़ा वोट ब्लॉक है। यहां वे निर्वाचन क्षेत्र की आबादी का लगभग 50 प्रतिशत हैं।

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