Waqf Properties Misuse Report : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में वक्फ संपत्तियों (Waqf Properties) के मनमाने उपयोग का बड़ा मामला सामने आया है। विभिन्न जिलों से जिलाधिकारियों (District Magistrates) ने वक्फ संपत्तियों से जुड़ी रिपोर्ट शासन को भेजनी शुरू कर दी है। अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, धार्मिक (Religious), शैक्षिक (Educational) कार्यों और कब्रिस्तान (Cemetery) के लिए आवंटित 761 से अधिक वक्फ संपत्तियों पर अवैध रूप से मकान और दुकानें बना दी गई हैं। शासन ने सभी जिलाधिकारियों से वक्फ संपत्तियों के वास्तविक उपयोग पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी।
2528 संपत्तियों की रिपोर्ट में खुलासा, कई जगह गड़बड़ी
शासन को प्रदेश भर से करीब 2528 वक्फ संपत्तियों की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इनमें से 761 संपत्तियों का उपयोग उस उद्देश्य से अलग किया जा रहा है, जिसके लिए इन्हें आवंटित किया गया था। वहीं 25 संपत्तियों को वक्फ घोषित करने को लेकर अदालत (Court) में मामले लंबित हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, चंदौली (Chandauli) की 15 और मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) की चार संपत्तियों के साथ-साथ बाराबंकी (Barabanki), हमीरपुर (Hamirpur), झांसी (Jhansi), कासगंज (Kasganj), लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) और सिद्धार्थनगर (Siddharthnagar) की एक-एक संपत्तियों पर भी गड़बड़ी मिली है।
जिलावार स्थिति: सही और गलत उपयोग का आंकड़ा
अंबेडकरनगर (Ambedkarnagar) में 15 संपत्तियों का सही और 15 का गलत उपयोग हो रहा है। अमेठी (Amethi) में छह संपत्तियों का सही और छह का गलत, इटावा (Etawah) में 11 संपत्तियों का सही और 11 का गलत उपयोग पाया गया। गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar) और हमीरपुर (Hamirpur) में एक-एक संपत्ति का सही व एक-एक का गलत उपयोग सामने आया है। अमरोहा (Amroha) में पांच संपत्तियों का सही और एक का गलत उपयोग दर्ज किया गया है।
बागपत (Baghpat) में 44 संपत्तियों का सही और चार का गलत उपयोग, बाराबंकी (Barabanki) में 21 में से तीन संपत्तियों का गलत उपयोग पाया गया है। इसी तरह झांसी (Jhansi) में 20 में से एक संपत्ति का उद्देश्य से इतर उपयोग हो रहा है। मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar), सहारनपुर (Saharanpur), आगरा (Agra), बस्ती (Basti), उन्नाव (Unnao), लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) और पीलीभीत (Pilibhit) जिलों से भी गड़बड़ियों की जानकारी सामने आई है।
शासन की सख्ती और आगे की कार्रवाई
शासन इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए आगे की कार्रवाई की तैयारी में है। जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वक्फ संपत्तियों के वास्तविक उपयोग की जांच कर रिपोर्ट को अद्यतन करें। साथ ही जिन संपत्तियों का अवैध उपयोग पाया गया है, उन पर कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करने के भी संकेत मिले हैं। इस रिपोर्ट से वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं और शासन अब इन मामलों पर कड़ा रुख अपना सकता है।