Hong Kong Fire Tragedy चीन के हांगकांग में एक भयानक अग्निकांड ने पूरी दुनिया को दहला कर रख दिया है। शहर के इतिहास के सबसे बड़े हादसों में से एक बताए जा रहे इस अग्निकांड में अब तक 83 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। आग का तांडव इतना भीषण था कि देखते ही देखते 4600 लोग अपने घरों से बेघर हो गए। इस खौफनाक मंजर ने चीन को तबाही के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है।
हांगकांग के ताइपो जिले में स्थित ‘वोंगफुक कोर्ट अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स’ में मरम्मत के काम के दौरान यह आग लगी। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने की वजह से आग ने कुछ ही पलों में विकराल रूप धारण कर लिया और कई इमारतों को अपनी चपेट में ले लिया। इस हादसे में 70 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जबकि 300 से अधिक लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
‘4 से 5 मिनट में खाक हुई 31 मंजिला इमारत’
1983 में बना यह कॉम्प्लेक्स ताइपो का सबसे ऊंचा रिहायशी इलाका है, जिसमें करीब 2000 फ्लैट्स हैं और 2021 की जनगणना के मुताबिक यहां 4643 लोग रहते थे। आग सबसे पहले वांग चंग हाउस (Wang Cheong House) में लगी और फिर धीरे-धीरे चार से सात ब्लॉकों तक फैल गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कॉम्प्लेक्स की बाहरी दीवारों की मरम्मत का काम कई महीनों से चल रहा था, जिसके लिए इमारतों पर बांस की स्केफोल्डिंग (मचान) लगाई गई थी। आग इसी स्केफोल्डिंग की हरी नेटिंग पर लगी और देखते ही देखते ऊपर की तरफ फैलती गई। बांस की स्केफोल्डिंग और मरम्मत में इस्तेमाल हुए प्लास्टिक व पॉलस्टाइरीन जैसे ज्वलनशील पदार्थों ने आग को और भड़का दिया। आग इतनी तेजी से फैली कि मात्र 4 से 5 मिनट के भीतर उसने 31 मंजिला इमारत को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया।
‘सुरक्षा में बड़ी चूक: बैन के बावजूद लगी थी बांस की स्केफोल्डिंग’
इस भयानक हादसे ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि सरकार ने मार्च 2025 से बांस की स्केफोल्डिंग के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था क्योंकि यह बेहद ज्वलनशील होती है। सवाल उठता है कि बैन के बावजूद इसका इस्तेमाल क्यों किया गया?
शुरुआती जांच में पता चला है कि लिफ्ट की खिड़कियों को ढकने के लिए इस्तेमाल किए गए स्टाइरोफोम बोर्ड्स में आग तेजी से फैली, जो इस हादसे की एक बड़ी वजह बनी। कुछ रिपोर्ट्स में सिगरेट से आग लगने की आशंका भी जताई गई है। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए ठेकेदार समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस आग को ‘लेवल पांच’ करार दिया गया है, जो हांगकांग में आग की सबसे खतरनाक श्रेणी है।
‘इतिहास के सबसे भयानक अग्निकांडों में से एक’
इसे चीन में पिछले 70 सालों में शहर की सबसे बड़ी त्रासदी बताया जा रहा है। इससे पहले हांगकांग में सबसे भीषण आग 1918 में हैप्पी वैली रेस कोर्स में लगी थी, जिसमें 600 से ज्यादा लोगों की मौत का दावा किया गया था। वहीं, 1948 में एक गोदाम में लगी आग में 176 लोगों की जान गई थी।
मौजूदा अग्निकांड के बाद बेघर हुए लोगों को अस्थायी शेल्टर्स में पनाह दी गई है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और अधिकारियों को पीड़ितों की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए हैं।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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हांगकांग के ताइपो जिले में अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स में भीषण आग लगी।
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हादसे में 83 लोगों की मौत, 70 घायल और 300 से ज्यादा लापता हैं।
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आग से 4600 लोग बेघर हुए; इसे 70 साल की सबसे बड़ी त्रासदी बताया जा रहा है।
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मरम्मत के दौरान बांस की स्केफोल्डिंग और सुरक्षा में चूक को आग की वजह माना जा रहा है।
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पुलिस ने ठेकेदार समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।






