‘खैर नहीं होगी’—स्कूलों को सीधा अल्टीमेटम
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में विश्व हिंदू परिषद (VHP), बजरंग दल और हिंदू उत्सव समिति जैसे संगठनों ने स्कूलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि जो छात्र सनातन धर्म और परंपरा को मानते हैं, उन्हें क्रिसमस के कार्यक्रमों में सांता क्लॉज बनने या क्रिसमस ट्री लाने के लिए मजबूर न किया जाए।
हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने मिशनरी स्कूलों को चेतावनी देते हुए कहा, “अगर हिंदू बच्चों को जबरदस्ती सांता बनाया गया, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। हम कानूनी कार्रवाई करने पर मजबूर होंगे।” उनका तर्क है कि स्कूलों में राम, कृष्ण, बुद्ध या गुरु गोविंद सिंह बनने के लिए नहीं कहा जाता, तो फिर सांता बनने का दबाव क्यों?
इंदौर में अजीबोगरीब धमकी: ‘जूतासन से बनाएंगे भूत’
विवाद सिर्फ भोपाल तक सीमित नहीं है। इंदौर में Hindu Jagran Manch ने विरोध का एक आक्रामक तरीका अपनाया है। मंच के जिला संयोजक ने फेसबुक पर एक विवादित पोस्ट लिखकर हड़कंप मचा दिया है।
पोस्ट में लिखा गया है: “क्रिसमस पर स्कूल या इवेंट में माता-पिता की बगैर अनुमति सांता क्लॉज या जोकर बनाए जाने पर जिम्मेदार को ‘जूतासन’ देकर भूत बनाया जाएगा।” यानी सीधे तौर पर मारपीट और हिंसा की धमकी दी गई है। मंच का कहना है कि अगर अभिभावकों की मंजूरी के बिना ऐसा किया गया, तो वे पुरजोर विरोध करेंगे।
संस्कृति पर हमला और धर्मांतरण का शक?
हिंदू संगठनों का आरोप है कि यह केवल एक वेशभूषा का मामला नहीं है, बल्कि एक गहरा षड्यंत्र है।
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संस्कृति पर प्रहार: संगठनों का मानना है कि हिंदू बच्चों को सांता बनाकर उनमें ईसाई धर्म के प्रति श्रद्धा पैदा करने की कोशिश की जा रही है।
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आर्थिक बोझ: बच्चों को फैंसी ड्रेस या क्रिसमस ट्री लाने के लिए कहने से अभिभावकों पर फालतू का आर्थिक बोझ पड़ता है।
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धार्मिक अखंडता: संगठनों का कहना है कि भारत ‘संतों की भूमि’ है, ‘सांता की नहीं’। बच्चों को महापुरुष और क्रांतिकारी बनना चाहिए।
विश्लेषण: सहमति बनाम जबरदस्ती की लकीर
स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उद्देश्य बच्चों को विविधता सिखाना होता है, लेकिन जब यह ‘अनिवार्यता’ बन जाए, तो विरोध स्वाभाविक है। हालांकि, विरोध का तरीका भी सवालों के घेरे में है। अभिभावकों की सहमति (Parental Consent) मांगना एक वैध तर्क है, लेकिन ‘जूतासन’ जैसी हिंसात्मक धमकियां लोकतांत्रिक विरोध की मर्यादा को तार-तार करती हैं। यह स्कूलों और अभिभावकों के बीच संवाद का विषय होना चाहिए, न कि सड़कों पर ‘गुंडागर्दी’ का। धर्म की रक्षा जरूरी है, लेकिन क्या हिंसा और डर का माहौल बनाकर इसे हासिल किया जा सकता है?
जानें पूरा मामला
यह पहली बार नहीं है जब क्रिसमस पर ऐसा विवाद हुआ हो। पिछले साल भी एक घटना सामने आई थी जहाँ जोमैटो (Zomato) के डिलीवरी बॉय को सांता के कपड़े पहनने पर कुछ लोगों ने रोककर उसके कपड़े उतरवा दिए थे। हर साल दिसंबर आते ही मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में हिंदू संगठन सक्रिय हो जाते हैं और स्कूलों की निगरानी शुरू कर देते हैं। इस बार भी 25 दिसंबर से पहले ही ‘अलर्ट’ जारी कर दिया गया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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MP News: भोपाल और इंदौर में हिंदू संगठनों ने स्कूलों को बच्चों को सांता न बनाने की चेतावनी दी।
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Threat: इंदौर में हिंदू जागरण मंच ने ‘जूतासन’ (मारपीट) की धमकी दी।
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Condition: संगठनों का कहना है कि बिना माता-पिता की लिखित अनुमति के बच्चों को क्रिसमस ट्री या सांता न बनाया जाए।
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Objective: इसे हिंदू संस्कृति पर हमला और ईसाई धर्म के प्रति प्रेरित करने का षड्यंत्र बताया गया।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न






