Sukhbir Badal Attack Case – शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के पूर्व अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) परिसर में हुए हमले के मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab and Haryana High Court) का दरवाजा खटखटाया है। शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार (Punjab Government) को नोटिस जारी किया गया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 30 अप्रैल तय की है।
सुखबीर बादल की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया है कि उन पर हमला हुआ लेकिन आरोपी नारायण सिंह चौड़ा (Narayan Singh Chouda) जेल से बाहर आ चुका है। उन्होंने मांग की है कि इस हमले की जांच सीबीआई (CBI) या एनआईए (NIA) से करवाई जाए। यह याचिका एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर (Arshdeep Singh Kaler) और अर्शदीप सिंह चीमा (Arshdeep Singh Cheema) द्वारा दायर की गई, जबकि सीनियर एडवोकेट आरएस चीमा (RS Cheema) ने सुखबीर सिंह बादल का पक्ष रखा।
याचिका में प्रमुख दो बिंदु उठाए गए – पहला, आज तक सुखबीर सिंह बादल का बयान पुलिस ने दर्ज नहीं किया जबकि सरकार ने दावा किया था कि कई बार संपर्क किया गया। दूसरा, पुलिस कमिश्नर अमृतसर (Police Commissioner Amritsar) द्वारा दिए गए बयानों पर सवाल खड़े किए गए।
यह हमला 4 दिसंबर को हुआ था, जब सुखबीर बादल श्री अकाल तख्त साहिब (Sri Akal Takht Sahib) की ओर से दी गई सेवा निभा रहे थे। इसी दौरान खालिस्तान समर्थक (Khalistan supporter) नारायण सिंह चौड़ा ने गोली चला दी। हमला होने के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। जांच में सामने आया कि चौड़ा लंबे समय से बादल परिवार का विरोधी रहा है और उन पर सिख पंथ से गद्दारी के आरोप लगाता रहा है।
कोर्ट ने चौड़ा को जमानत देते हुए कहा कि जांच लगभग पूरी हो चुकी है और उसे जेल में रखने का अब कोई ठोस कारण नहीं है। हालांकि, किन शर्तों पर जमानत दी गई है, यह साफ नहीं किया गया।
नारायण सिंह चौड़ा आतंकवाद के दौर से सक्रिय एक संदिग्ध व्यक्ति है। 1984 में वह पाकिस्तान (Pakistan) गया और वहां भारत विरोधी संगठनों से जुड़ा। उस पर हथियारों की तस्करी, RDX बरामदगी, और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने जैसे गंभीर आरोप हैं। उसके खिलाफ अमृतसर (Amritsar), तरनतारन (Tarn Taran) और रोपड़ (Ropar) में UAPA के तहत कई केस दर्ज हैं। वह 2004 के बुड़ैल जेल ब्रेक (Burail Jail Break) कांड में भी शामिल था, जहां बेअंत सिंह (Beant Singh) के हत्यारे भाग निकले थे।
चौड़ा ने खालिस्तान लिबरेशन आर्मी (Khalistan Liberation Army) बनाई थी और सिख समुदाय में वह रणधीर सिंह के नाम से सक्रिय रहा। खुफिया एजेंसियां 2013 से चेतावनी दे चुकी थीं कि वह प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) और सुखबीर बादल को निशाना बना सकता है। अब सुखबीर बादल ने इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष और गहराई से जांच की मांग की है।