The News Air- ड्रग्स केस में फंसे अकाली नेता बिक्रम मजीठिया को अग्रिम ज़मानत मिल गई है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ़्तारी पर रोक लगाई है। हालांकि पूरे मामले में हाईकोर्ट ने क्या कहा है, इसको लेकर हाईकोर्ट के विस्तृत आदेश का इंतज़ार है।
इससे पहले 5 जनवरी को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस भेजा था। जिसमें उनसे मजीठिया की याचिका पर नोटिस भेज 8 जनवरी तक जवाब देने को कहा गया था। जिसके बाद सरकार ने HC में जवाब सौंप दिया है।
अहम बात यह है कि पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो चुकी है। अभी तक पंजाब सरकार नशे को चुनावी मुद्दा बनाने के लिए इस मामले की ज़ोरदार ढंग से पैरवी कर रही थी।
मोहाली कोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
इससे पहले मजीठिया ने मोहाली कोर्ट से अग्रिम ज़मानत माँगी थी, जिसे सेशन कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मजीठिया पर लगे आरोपों की जांच के लिए कस्टडी में इंटेरोगेशन ज़रूरी है। यह भी सामने आ रहा है कि पंजाब सरकार मजीठिया पर गैंगस्टरों से संबंधों को लेकर एक और केस दर्ज़ कर सकती है।
मजीठिया पर गंभीर आरोप
ड्रग्स केस में मजीठिया पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें कहा गया कि कनाडा के रहने वाले ड्रग तस्कर सतप्रीत सत्ता मजीठिया की अमृतसर और चंडीगढ़ स्थित सरकारी कोठी में भी ठहरते रहे। यहां तक कि मजीठिया ने उसे गाड़ी और गनमैन दे रखा था। मजीठिया चुनाव के लिए नशा तस्करों से फ़ंड लेते रहे। इसके अलावा दबाव डालकर नशा दिलवाते रहे। नशा तस्करों के बीच समझौते करवाने का भी उन्हें आरोपी बनाया गया है। हालांकि अकाली दल इसे राजनीतिक बदलाखोरी की कार्रवाई क़रार देता रहा।