उत्तर प्रदेश, 19 सितंबर,(The News Air): वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया, सहायक नदियां भी उफान पर। 40 से अधिक बाढ़ राहत शिविर सक्रिय, 150 से अधिक परिवारों ने ली शरण।
उत्तर प्रदेश में भारी बारिश
उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के कारण वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे तुलसी घाट डूब गए हैं। आचार्य सुशील चौबे ने एएनआई को बताया कि बढ़े हुए जलस्तर के कारण तुलसी घाट की सीढ़ियाँ डूब गई हैं। उन्होंने कहा, “बाढ़ के कारण कई समस्याएं पैदा हुई हैं, लेकिन कई बाँध बनाए गए हैं, जिससे पानी शहर में नहीं आ पा रहा है। तुलसी घाट की सभी सीढ़ियां पानी में डूब गई हैं।”
गंगा नदी का बढ़ा जलस्तर
एक अन्य पुजारी आचार्य राहुल पांडे ने एएनआई को बताया कि बढ़ते जलस्तर के कारण तुलसी घाट के किनारे रहने वाले लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि बढ़े हुए जलस्तर के कारण नाव संचालन भी प्रभावित हुआ है।
लोग बढ़ते जलस्तर के कारण प्रभावित हुए
उन्होंने कहा, “घाट के आस-पास रहने वाले लोग बढ़ते जलस्तर के कारण प्रभावित हुए हैं। नावें नहीं चल पा रही हैं और घाट के किनारे स्थित कई मंदिर डूब गए हैं।” इससे पहले सोमवार को पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे मुरादाबाद रेलवे स्टेशन अंडरपास पूरी तरह जलमग्न हो गया और आसपास के गांव भगतपुर, भोजपुर और मुंडा पांडे में बाढ़ आ गई।
रेलवे स्टेशन के पास बना अंडरपास पानी में डूब गया, जिससे आवागमन बाधित हो गया, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पानी का दबाव अधिक होने के कारण यात्री अंडरपास का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं, जिससे सड़कों पर भारी जलभराव हो गया। प्रयागराज के निचले इलाकों की बस्तियों में भी पानी घुस गया, जिससे लोगों को अपने घर खाली करने पड़े। बघाड़ा, सलोरी और राजापुर सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके रहे। वहीं अयोध्या में पहाड़ी इलाकों में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया।