चंडीगढ़ (The News Air) पंजाब के चर्चित ट्रांसपोर्टेशन टेंडर घोटाले के मामले में आज कांग्रेस के पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु को हाईकोर्ट से राहत मिल सकती है। हाईकोर्ट में आरोपी आशु की जमानत याचिका पर सुनवाई की जानी है। इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान आरोपी आशु द्वारा केवल उन्हें टारगेट किए जाने की बात कही गई है। इसके जवाब में पंजाब सरकार को आज हाईकोर्ट को बताया है कि अब तक मामले में कितने केस दर्ज किए गए और कुल कितने आरोपी अरेस्ट किए हैं।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई 17 फरवरी से लगातार टलती गई हैं। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए आज, 23 फरवरी की तिथि निर्धारित की है। पंजाब सरकार की ओर से अपना पक्ष रखने के बाद हाईकोर्ट द्वारा आरोपी आशु की जमानत के संबंध में निर्णय लिया जा सकता है।
दरअसल, जेल में बंद कांग्रेस के पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु ने मामले में जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। हाईकोर्ट ने पहले 17 फरवरी, फिर 20 फरवरी और उसके बाद आज, 23 फरवरी के लिए सुनवाई टाल दी थी।
22 अगस्त 2022 को किया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने आशु के खिलाफ 16 अगस्त 2022 को केस दर्ज किया था। फिर 22 अगस्त 2022 को आशु को सैलून से गिरफ्तार किया गया। करीब 8 दिन विजिलेंस रिमांड के बाद आरोपी को ज्यूडिशियल कस्टडी, पटियाला जेल भेजा गया। इसके बाद जिला अदालत ने आशु की जमानत याचिका को खारिज किया तो आरोपी ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई, लेकिन उसे अभी तक राहत नहीं मिल सकी है।
मामले में 7 नामजद आरोपी
गौरतलब है कि पंजाब विजिलेंस आरोपी भारत भूषण आशु के अलावा ठेकेदार तेलुराम और आढ़ती कृष्ण लाल को भी गिरफ्तार कर चुकी है। इनके अलावा मामले में 7 आरोपी नामजद हैं। इनमें उक्त आरोपियों के अलावा आरोपी संदीप भाटिया, जगरूप सिंह, पंकज मीनू मल्होत्रा, इंद्रजीत इंदी, पूर्व उप निदेशक राकेश सिंगला, सेवानिवृत्त (DFSC) सुरिंदर कुमार बेरी, पनसप के तत्कालीन जिला प्रबंधक जगनदीप ढिल्लों, पार्षद पति अनिल जैन, मुल्लांपुर दाखा नगर परिषद अध्यक्ष तेलुराम बंसल का भाई महावीर बंसल व दो अन्य आढ़ती भी हैं।