नई दिल्ली, 3 अगस्त (The News Air)
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री (Sunil Chhetri Birthday) का आज जन्मदिन है। सुनील छेत्री 3 अगस्त, 1984 को तेलंगाना में जन्मे थे, आज उनकी आयु 37 साल की हो गई हैं। सुनील छेत्री ने अपने करियर में कई मुक़ाम हासिल किए। वह भारत के लिए सबसे ज़्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी रहे हैं। 2007 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अपने इंटरनेशनल करियर (Sunil Chhetri Career) का आगाज़ करने वाले सुनील छेत्री को अपने करियर में विभिन्न उतार-चढ़ाव देखने को मिले। आज बेशक छेत्री भारतीय फुटबॉल के स्टार हैं, परन्तु एक समय ऐसा भी था जब उन्हें टीम के कोच ने नाकाम खिलाड़ी तक कह दिया था। आपको बताते हैं फुटबॉल टीम के कप्तान के बारे में 5 अहम बड़ी बातें।
सुनील छेत्री अपने इंटरनेशनल करियर में 118 मैचों में 74 गोल कर चुके हैं। उनका प्रति मैच गोल औसत 0.63 है जो कि रोनाल्डो और मेसी से भी बहुत अच्छा है। रोनाल्डो का प्रति मैच गोल औसत 0.61 है, जबकि मेसी अर्जेंटीना के लिए प्रति मैच 0.5 गोल करते हैं। वैसे मौजूदा खिलाड़ियों में सबसे ज़्यादा इंटरनेशनल गोल के मामले में रोनाल्डो 109 गोल से पहले नंबर पर हैं। यूएई के अली मबखाउत और लियोनेल मेसी 76 गोलों के साथ दूसरे और सुनील छेत्री तीसरे नंबर पर आते हैं।
सुनील छेत्री को यह खेल विरासत में ही मिला है। उनकी मां सुशीला छेत्री और उनकी दो जुड़वा बहनें इंटरनेशनल फुटबॉलर रह चुकी हैं। सुनील छेत्री की मां और उनकी बहनें नेपाल नेशनल फुटबॉल टीम की मैंबर भी रह चुकी हैं.
सुनील छेत्री जब वर्ष 2012 में पुर्तगाल के क्लब स्पोर्टिंग लिस्बन से जुड़े थे, तो उस टीम के हेड कोच ने उनकी बेइज्जती कर दी थी। सुनील छेत्री ने एक इंटरव्यू में बताया कि कोच ने उनकी क़ाबिलियत पर सवाल खड़े करते हुए उन्हें ए टीम से बी टीम में भेजने की बात कही थी। सुनील छेत्री 9 माह तक क्लब से जुड़े रहे, जिसमें उन्हें सिर्फ़ 5 मैच खेलने का मौक़ा मिला। छेत्री अमेरिका के कन्सास सिटी विजार्ड्स से भी 2010 में जुड़े थे, हालांकि एक वर्ष के अंदर ही वो भारत लौट आए थे।
सुनील छेत्री भारत के लिए 50 गोल दाग़ने वाले पहले खिलाड़ी बने और वह 6 बार ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के प्लेयर ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड जीत कर आपने कर चुके हैं। सुनील छेत्री ने साल 2007 में सबसे पहले इस सम्मान को हासिल किया। इसके बाद 2011, 2013, 2014, 2017 और 2018-19 में वह एक बार फिल प्लेयर ऑफ़ द ईयर बने।
सुनील छेत्री के पिता आर्मी में थे, इसलिए वह देश के कई हिस्सों में रहे। सुनील छेत्री ने गंगटोक में स्कूली पढ़ाई की। इसके बाद वह दिल्ली के आर्मी पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की, वह कोलकाता में भी पढ़े और 12वीं क्लास के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी क्योंकि इसके बाद उनका फुटबॉल करियर बेहद चमक चुका था।