Haji Mastan Daughter Appeal : मुंबई के पूर्व चर्चित हाजी मस्तान की बेटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से गुहार लगाते हुए देश में कड़े कानूनों की मांग की है। वर्षों तक अपनी पहचान, संपत्ति और सम्मान के लिए लड़ने वाली इस बेटी ने अपनों द्वारा दी गई धोखेबाजी और प्रताड़ना की रूह कंपा देने वाली दास्तां दुनिया के सामने रखी है।
एक पिता की छवि और बेटी का संघर्ष
अक्सर जब भी हाजी मस्तान का नाम आता है, तो सुर्खियां ‘अंडरवर्ल्ड डॉन’ के इर्द-गिर्द घूमती हैं। लेकिन उनकी बेटी का दर्द यह है कि उन्हें उनके पिता के नाम से नहीं, बल्कि उनके खुद के संघर्षों से जाना जाए। उन्होंने भावुक होकर कहा कि उनके पिता ने जिंदगी भर अच्छे काम किए, यही वजह है कि आज वो सुरक्षित हैं। उन्हें इस बात का गहरा मलाल है कि उनके पिता को आज भी गलत तरीके से पेश किया जाता है। उनकी अपील है कि उनकी लड़ाई उनकी अपनी है, जो उनके पिता के इंतकाल के बाद शुरू हुई। यह कहानी एक ‘डॉन’ की नहीं, बल्कि एक ऐसी बेटी की है जो सालों से न्याय के लिए दर-दर भटक रही है।
‘अपनों ने ही दिया सबसे गहरा जख्म’
हाजी मस्तान के इंतकाल (1994) के बाद उनकी बेटी की जिंदगी नर्क से बदतर हो गई। उन्होंने खुलासा किया कि संपत्ति हड़पने के लिए उनके साथ चाइल्ड मैरिज (बाल विवाह) जैसी घिनौनी साजिश रची गई। उनकी शादी जबरन नासिर हुसैन शेख से करवाई गई, जो उनके मामा का लड़का था। रोंगटे खड़े कर देने वाली बात यह है कि वह शख्स उनसे पहले चार शादियां कर चुका था और उनके बाद भी उसने तीन और शादियां कीं। एक बच्ची को रेप का शिकार बनाया गया और मरने के लिए छोड़ दिया गया।
‘पहचान मिटाने की खौफनाक साजिश’
संपत्ति की लालच में रिश्तेदारों ने रिश्तों का ही कत्ल कर दिया। हाजी मस्तान की बेटी ने बताया कि उनकी पहचान पूरी तरह बदल दी गई थी। स्कूल के एफिडेविट और पुलिस बयानों में उनकी सगी मां शहंशाह बेगम (उर्फ सोना) की जगह उनकी आंटी को मां और मामा को बाप बना दिया गया। यह फर्जीवाड़ा इतना गहरा था कि उन्हें 2017 में जाकर असली कागजात मिले, तब उन्हें पता चला कि कागजों में उनके मां-बाप ही बदल दिए गए हैं। जिस वक्त उन्हें घर से निकाला गया और उनकी मां को गायब कर दिया गया, तब दूरदर्शन पर उनकी मां की गुमशुदगी की खबरें चलती थीं।
‘कड़े कानून ही बचा सकते हैं देश’
अपना दर्द बयां करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से देश में सख्त कानून लागू करने की अपील की है। उनका मानना है कि आज जिस तरह आए दिन अपहरण, मर्डर और दंगे हो रहे हैं, उससे निपटने के लिए कानून का खौफ होना जरूरी है। अगर कानून सख्त होगा, तो अपराधी अपराध करने से पहले सौ बार सोचेगा। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ उनकी नहीं है, बल्कि देश की हर उस जनता के लिए है जो न्याय की आस में बैठी है।
‘संपादकीय विश्लेषण: विरासत का बोझ और न्याय की आस’
इस पूरे मामले में एक कड़वा सच छिपा है जो हमारे समाज की दोहरी मानसिकता को उजागर करता है। एक तरफ हाजी मस्तान जैसा भारी-भरकम नाम है, जिसे दुनिया ताकतवर मानती है, और दूसरी तरफ उन्हीं की बेटी है जो अपनी ही संपत्ति और पहचान के लिए दशकों से संघर्ष कर रही है। यह घटना साबित करती है कि अपराध और लालच रिश्तों की अहमियत नहीं समझते। जब एक इतने रसूखदार व्यक्ति की बेटी सुरक्षित नहीं है और उसे अपनी पहचान साबित करने के लिए 20 साल लग जाते हैं, तो आम आदमी की न्याय व्यवस्था में क्या स्थिति होगी, यह सोचकर ही सिहरन होती है। यह सिर्फ एक पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि सिस्टम की खामियों पर एक जोरदार तमाचा है।
‘जानें पूरा मामला’
यह मामला 1996 के आसपास शुरू हुआ जब हाजी मस्तान के निधन के बाद उनकी बेटी को संपत्ति से बेदखल करने की साजिशें रची गईं। रिश्तेदारों ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे उनकी पहचान बदली और जबरन शादी करवाई। सालों बाद जब उन्हें दस्तावेज मिले, तब जाकर उन्होंने अपने अधिकारों की लड़ाई शुरू की। वह अब सरकार से अपने और अपनी मां के लिए इंसाफ मांग रही हैं।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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हाजी मस्तान की बेटी ने पीएम मोदी और अमित शाह से अपराधों के खिलाफ सख्त कानून बनाने की अपील की।
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रिश्तेदारों ने संपत्ति के लिए जबरन बाल विवाह करवाया और पहचान बदलने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए।
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साल 2017 में असली कागजात मिलने के बाद संपत्ति और माता-पिता की पहचान का फर्जीवाड़ा सामने आया।
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बेटी का कहना है कि उनके पिता की कहानी को उनसे न जोड़ा जाए, वह अपने हक की लड़ाई खुद लड़ रही हैं।






