नई दिल्ली,18 जुलाई (The News Air): हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। प्रदोष व्रत माह में 2 बार मनाया जाता है। आषाढ़ माह में गुरु प्रदोष आज 18 जुलाई को मनाया जा रहा है। गुरुवार के दिन पड़ने के कारण इसे गुरु प्रदोष कहा जाता है। इस दिन शिव जी के संग माता पार्वती की पूजा करने का विधान है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करने पर मन की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। इस बार गुरु प्रदोष पर कई विशेष संयोग भी बन रहे हैं। तो आइए जानते हैं, इन शुभ संयोगों के बारे में-
गुरु प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 जुलाई को शाम 08 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और 19 जुलाई को शाम 07 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी। गुरु प्रदोष व्रत पर प्रदोष काल शाम 08 बजकर 44 मिनट से लेकर 09 बजकर 22 मिनट तक है।
गुरु प्रदोष पर बन रहे हैं ये संयोग
ब्रह्म योग
गुरु प्रदोष के दिन विशेष ब्रह्म योग बनने जा रहा है। इस योग की शुरुआत सुबह 6 बजकर 14 मिनट से हो रही है और इसका समापन 19 जुलाई को सुबह 4 बजकर 45 मिनट पर होगा।शिव वास योग
गुरु प्रदोष के दिन शिव वास का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस योग की शुरुआत शाम 08 बजकर 44 मिनट पर होगी। जिस समय शिव जी कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे। इस दिन भोलेनाथ नंदी पर सवार होंगे। माना जाता है कि इस योग में शिव जी की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।इसके अलावा आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को बव, बालव और कौलव, करण के भी संयोग बन रहे हैं। इस योग में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है।