अहमदाबाद, 11 सितंबर (The News Air)
गुजरात में अचानक राजनीति हलचल बढ़ गई है। शनिवार को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अपना इस्तीफ़े दे दिया है। यह इस्तीफ़ा ऐसे वक़्त में आया है, जब 15 महीने बाद गुजरात में विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Elections) होने हैं। राज्यपाल को इस्तीफ़ा सौंपने के बाद विजय रूपाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताया। पार्टी ने रविवार को गांधीनगर में विधायक दल की बैठक बुलाई है। इसमें नए मुख्यमंत्री के नाम का फ़ैसला होगा।
कौन होगा अगला सीएम-विजय रूपाणी के इस्तीफ़े के साथ ही नए सीएम के नाम को लेकर क़यास लगाए जाने लगे हैं। राजनीति गलियारों में चर्चा है कि अगला मुख्यमंत्री पाटीदार समाज से हो सकता है। इनमें मनसुख मांडविया का नाम सबसे आगे है। ये इस समय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हैं। इसके अलावा नितिन पटेल ( गुजरात के डिप्टी CM),सीआर पाटिल ( गुजरात BJP प्रेसिडेंट) और केंद्रीय मत्स्य व पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला का नाम भी चर्चा में है।
हम मोदी के नेतृत्व में लड़ते हैं-इस्तीफ़ा देने के बाद विजय रूपाणी ने मीडिया से कहा कि भाजपा में कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारीयां बदलती रहती हैं। हम सब मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ते हैं, इसलिए हमारे उनके(रूपाणी) नेतृत्व का कोई सवाल नहीं उठता। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को इस्तीफ़ा सौंपने के बाद मीडिया से विजय रूपाणी बोले कि वे भाजपा के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, जिसने उन जैसे कार्यकर्ता को गुजरात के मुख्यमंत्री पद की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी सौंपी थी। उन्हें अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मार्गदर्शन मिलता रहा। मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में ही गुजरात ने नए आयाम छुए हैं।
नए नेतृत्व में यह यात्रा आगे बढ़ते रहना चाहिए-विजय रूपाणी ने कहा कि उन्हें गुजरात में मोदी के नेतृत्व में काम करने का अवसर मिला। भाजपा में परंपरा बदलती रहती है। अब नए नेतृत्व में यह यात्रा आगे बढ़ती रहनी चाहिए।
संगठन से तक़रार की ख़बरों को ग़लत बताया-विजय रूपाणी ने उन सभी अफ़वाहों को खारिज कर दिया, जिसमें माना गया कि उनका संगठन से तालमेल नहीं बैठ रहा था। रूपाणी ने कहा कि संगठन सर्वोपरी है। उनकी संगठन से कोई तक़रार नहीं है। गुजरात के विकास का काम पहले की तरह चलता रहेगा।
तीन महीने में 4 मुख्यमंत्री बदले-बता दें कि कुछ समय से रूपाणी के इस्तीफ़े की चर्चा थी। गुरुवार रात अमित शाह अहमदाबाद पहुंचे थे। उनका यह अचानक प्रोग्राम बना था। हालांकि अमित शाह अपनी बहन के घर गए, जहां कोई पारिवारिक कार्यक्रम था, लेकिन तब से राज्य में राजनीति बदलाव की अटकलें लगाई जाने लगी थीं।
भाजपा ने पिछले 3 महीने में अपने 4 मुख्यमंत्रियों को बदला है। जुलाई में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और उत्तराखंड में दो बार मुख्यमंत्री बदले गए। पहले त्रिवेंद्र रावत और फिर तीर्थ सिंह की जगह पुष्कर धामी को सीएम बनाया गया। रूपाणी के इस्तीफ़े के बाद पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि भाजपा लोगों को गुमराह कर रही है।
डेढ़ दशक पहले राजनीति छोड़ना चाहते थे रूपाणी-2 अगस्त, 1956 को रंगून (अब म्यांमार) में जन्मे रूपाणी के पिता वहाँ बिजनेस के सिलसिले में गए थे। तभी रूपाणी का जन्म हुआ था। हालांकि वे 4 साल बाद गुजरात लौट आए थे। रूपाणी ने क़ानून की पढ़ाई की है। वे जैन समुदाय से ताल्लुक़ रखते हैं और राजकोट पश्चिम से विधायक हैं। वे 2006 से 2012 तक राज्यसभा सदस्य भी रहे। वर्ष, 1971 को जनसंघ से जुड़कर राजनीति शुरू करने वाले रूपाणी देश दशक पहले अपने बेटे की छत से गिरकर हुई मौत से दु:खी होकर राजनीति छोड़ना चाहते थे।