Navjot Kaur Sidhu Political Comeback : Navjot Kaur Sidhu Political Comeback को लेकर पंजाब (Punjab) की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू (Dr. Navjot Kaur Sidhu) अमृतसर ईस्ट (Amritsar East) हलके में दोबारा से सक्रिय दिख रही हैं और टिकट मिलने पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुकी हैं।
2022 विधानसभा चुनावों में हार का सामना करने के बाद राजनीति से दूर हो चुके नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के परिवार की पंजाब (Punjab) की राजनीति में दोबारा एंट्री होती दिखाई दे रही है। जहां नवजोत सिंह सिद्धू छोटे पर्दे पर सक्रिय हैं, वहीं उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू (Dr. Navjot Kaur Sidhu) अमृतसर ईस्ट (Amritsar East) क्षेत्र में लगातार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रही हैं।
नवजोत कौर बीते कुछ दिनों से क्षेत्रीय वार्ड इंचार्जों, वल्ला कोर कमेटी और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ लगातार संवाद कर रही हैं। हाल ही में उन्होंने नरेश चौहान और उनके परिवार से भी मुलाकात की, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि वह सक्रिय राजनीति में वापसी की तैयारी में हैं।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में साफ कहा है कि अगर कांग्रेस (Congress) उन्हें टिकट देती है तो वह चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटेंगी। यह बयान उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को दर्शाता है और इस बात की ओर इशारा करता है कि कांग्रेस नेतृत्व की मंजूरी मिलने पर वह मैदान में उतर सकती हैं।
हालांकि, नवजोत सिंह सिद्धू की राजनीति में वापसी को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। नवजोत कौर ने साफ किया कि सिद्धू ने उनकी तबीयत के चलते राजनीति से दूरी बनाई थी और अब वह कमेंट्री में व्यस्त हैं। लेकिन यह भी जोड़ा कि जल्द ही सिद्धू एक बड़ा ऐलान मीडिया के सामने कर सकते हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू का क्रिकेट से राजनीति तक का सफर काफी चर्चित रहा है। उन्होंने 1983 से 1999 तक भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया और बाद में टीवी और कमेंट्री की दुनिया में कदम रखा।
राजनीति में उनकी शुरुआत 2004 में भाजपा (BJP) के टिकट पर अमृतसर (Amritsar) लोकसभा सीट से चुनाव जीतने से हुई। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत मिलने के बाद उन्होंने उपचुनाव भी जीता और 2009 में दोबारा संसद पहुंचे।
2016 में भाजपा से मतभेदों के कारण उन्होंने “आवाज-ए-पंजाब” नामक मंच शुरू किया लेकिन जल्द ही कांग्रेस से जुड़ गए। 2017 में कांग्रेस (Congress) के टिकट पर अमृतसर ईस्ट (Amritsar East) से चुनाव जीतकर पंजाब सरकार में मंत्री बने लेकिन बाद में तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) से मतभेदों के चलते मंत्री पद छोड़ दिया।
2021 में उन्हें पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Punjab Pradesh Congress Committee) का अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन 2022 में कांग्रेस की हार के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
डॉ. नवजोत कौर सिद्धू खुद भी राजनीति में सक्रिय रही हैं। चिकित्सक होने के साथ-साथ उन्होंने 2012 में भाजपा के टिकट पर अमृतसर ईस्ट (Amritsar East) से चुनाव जीतकर विधायक बनीं और मुख्य संसदीय सचिव (स्वास्थ्य) रहीं। बाद में उन्होंने भाजपा से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थामा। 2017 के चुनाव में उन्होंने हिस्सा नहीं लिया लेकिन पार्टी के लिए प्रचार करती रहीं।
अब एक बार फिर उनके सक्रिय होने से अमृतसर की राजनीति गर्मा गई है। क्या कांग्रेस उन्हें टिकट देती है और क्या सिद्धू खुद भी वापसी करते हैं – यह देखना दिलचस्प होगा।