Punjab Excise Policy 2025 को लेकर आज पंजाब सरकार ने अहम फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में नई एक्साइज पॉलिसी को मंजूरी दी गई है। इस नीति के तहत पंजाब सरकार ने साल 2025 के लिए 11,200 करोड़ रुपये के राजस्व (Revenue Target) का लक्ष्य रखा है।
बैठक के बाद वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा (Harpal Singh Cheema) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि शराब तस्करी (Liquor Smuggling) रोकने के लिए नए एक्साइज थाने बनाए जाएंगे। इसके लिए एक कमेटी तय करेगी कि ये थाने कहां स्थापित किए जाएंगे। साथ ही, देसी शराब का कोटा 3 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है।
बीयर और शराब के नियमों में बड़े बदलाव
सरकार ने बीयर (Beer) और देसी शराब (Country Liquor) को लेकर कई बड़े बदलाव किए हैं, जिससे शराब प्रेमियों को राहत मिलेगी।
- देसी शराब का कोटा 3% बढ़ाया गया।
- बीयर की दुकानों के लाइसेंस शुल्क को 2 लाख रुपये से घटाकर 25 हजार रुपये किया गया।
- थोक लाइसेंस फीस (Wholesale License Fee) जो पहले 5 लाख रुपये थी, अब पूर्व सैनिकों के लिए 2.5 लाख रुपये कर दी गई है।
- शराब स्टॉक की सीमा को 12 बोतल से बढ़ाकर 36 बोतल कर दिया गया है।
- नया बॉटलिंग प्लांट (Bottling Plant) लगाने को मंजूरी दी गई है।
गौ कल्याण उपकर में वृद्धि
पंजाब सरकार ने गौ कल्याण उपकर (Cow Welfare Cess) को 1 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 1.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। इससे पहले इस शुल्क से 16 करोड़ रुपये एकत्र किए जाते थे, जो अब 24 करोड़ रुपये हो जाएंगे।
जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के नियमों में बदलाव
- जन्म के 1 साल के भीतर रजिस्ट्रेशन न होने पर अब परिवार वालों को अदालत (Court) के आदेश की जरूरत नहीं होगी। यह कार्य अब सीधे डिप्टी कमिश्नर (Deputy Commissioner) के स्तर पर किया जा सकेगा।
- मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) में अब डॉक्टरों के लिए मौत का कारण लिखना अनिवार्य होगा।
शराब तस्करी पर सख्ती, बनेंगे नए एक्साइज थाने
पंजाब में शराब तस्करी रोकने (Liquor Smuggling Prevention) के लिए नए एक्साइज थाने (Excise Police Stations) खोले जाएंगे। सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि ये थाने कहां बनाए जाएं। इसके लिए एक विशेष कमेटी (Special Committee) बनाई गई है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
नई Excise Policy 2025 से पंजाब सरकार ने न केवल शराब कारोबार को नियंत्रित करने, बल्कि राजस्व बढ़ाने और तस्करी पर लगाम लगाने का प्रयास किया है। इसके साथ ही, पूर्व सैनिकों और शराब दुकानदारों को राहत दी गई है। अब देखना होगा कि यह नीति पंजाब में शराब व्यापार और सरकारी राजस्व पर कितना असर डालती है।