नई दिल्ली, 18 मई
हालांकि तीन कृषि कानूनो के माध्यम से सरकार ने MSP पर बड़ा हमला किया व आने वाले समय मे MSP को आधिकारिक तौर पर भी खत्म करने की योजना थी। वर्तमान किसान आंदोलन के दबाव में सरकार प्रत्यक्ष रूप से MSP खत्म नहीं कर सकी परन्तु अप्रत्यक्ष रूप से प्रत्यन जारी है। एक तरफ जहां सिर्फ नाम के लिए ही MSP बढ़ा दी जाती है वहीं बड़े स्तर पर कृषि लागत बढ़ रही है।
खेती के लिए अति महत्वपूर्ण रासायनिक खाद डाई अमोनियम फास्फेट या DAP काफी महंगी हो गई है। सहकारी क्षेत्र के इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोओपरेटिव (IFFCO) ने 50 किलो वाले डीएपी खाद की कीमत में 58.33 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। पिछले महीने तक जो खाद की बोरी 1,200 रुपये में मिलती थी, उसकी कीमत अब 1,900 रुपये कर दी गई है। बाजार में अब इस दाम की बोरी आने भी लग गयी है।
मुख्य रूप से DAP व डीजल के बढ़ते भाव सिर्फ नाम की MSP के प्रतीक है। कृषि में लागत बढ़ रही है व किसान को उसकी फसल का भाव नहीं मिल रहा। किसानों को घाटे में रखकर उन्हें बेदखल करने की नीति स्पष्ट हो रही है। हम सरकार से मांग करते है कि बढ़ाये गए रेट तुरंत वापस ले।