IndiGo flight delays and cancellations: देश भर के हवाई अड्डों पर पिछले पांच दिनों से जारी भारी अव्यवस्था के बीच सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। हजारों यात्रियों के फंसे होने और उड़ानों के लगातार रद्द होने के बाद, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को औपचारिक रूप से कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।
एयरलाइन को जवाब देने के लिए 24 घंटे का समय दिया गया है। नोटिस में साफ चेतावनी दी गई है कि अगर तय समय सीमा में जवाब नहीं मिला, तो मामले का एकतरफा निपटारा किया जाएगा और एयरलाइन दंडात्मक कार्रवाई से नहीं बच सकेगी।
DGCA ने माना ‘गंभीर ऑपरेशनल फेल्योर’
डीजीसीए ने नोटिस में स्पष्ट किया है कि उड़ानों की देरी, रद्दीकरण, ऑपरेशनल चूक और यात्रियों को समय पर सहायता न देने जैसी गंभीर लापरवाहियों के लिए नियमों के तहत कार्रवाई पर विचार हो रहा है।
नियामक ने इसे एक “गंभीर ऑपरेशनल फेल्योर” (गंभीर परिचालन विफलता) मानते हुए इंडिगो को तुरंत सुधार करने के निर्देश भी दिए हैं।
मंत्रालय की लंबी और सख्त बैठक
उड़ानों के लगातार बिगड़ते शेड्यूल पर केंद्र सरकार भी हरकत में आ गई है। शनिवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स के साथ एक लंबी और सख्त बैठक की।
इस बैठक में देरी और रद्द हुई उड़ानों की संख्या, हवाई अड्डों पर फंसे यात्रियों की खराब स्थिति, रिफंड प्रक्रिया और एयरलाइन की समग्र जिम्मेदारी पर विस्तार से चर्चा की गई।
सरकार के स्पष्ट निर्देश: कोई बहाना नहीं
सरकार ने एयरलाइन को साफ तौर पर कहा है कि वह तुरंत सामान्य संचालन बहाल करे। यात्रियों को बिना किसी बहाने के त्वरित रिफंड, भोजन, होटल की सुविधा और स्पष्ट जानकारी दी जानी चाहिए।
मंत्रालय के अनुसार, मामला अभी जांच के दायरे में है। जांच टीम की रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने से सरकार पीछे नहीं हटेगी।
जांच के लिए समिति गठित
हवाई संचालन में हुई इस भारी गड़बड़ी के वास्तविक कारणों को समझने के लिए डीजीसीए ने चार सदस्यों की एक जांच समिति का गठन किया है।
यह समिति तकनीकी समस्याओं, क्रू की उपलब्धता, शेड्यूलिंग में त्रुटि, प्रबंधन की गलती और अन्य संभावित कारणों का विश्लेषण करेगी। यह समिति भविष्य में ऐसी व्यापक अव्यवस्था से निपटने के उपाय भी सुझाएगी और तय करेगी कि एयरलाइन की जिम्मेदारी कहां तक बनती है।
यात्रियों का बुरा हाल, इंडिगो का तर्क
देश के कई प्रमुख एयरपोर्ट्स पर हजारों यात्री रात भर फंसे रहे, जिससे बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा दिक्कतें आईं। कनेक्टिंग फ्लाइट्स छूटने से यात्रियों को अतिरिक्त नुकसान भी झेलना पड़ा।
दूसरी ओर, इंडिगो ने इस सप्ताह बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द करने के पीछे ‘क्रू की भारी कमी’ को कारण बताया है। शुक्रवार को जहां 1600 उड़ानें रद्द हुईं, वहीं शनिवार को यह संख्या 800 से अधिक रही, जिससे हजारों यात्री प्रभावित हुए।
एयरपोर्ट्स पर विशेष इंतजाम
हालात संभालने के लिए एयरपोर्ट्स पर भी कदम उठाए गए हैं। मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 25 ग्राउंडेड इंडिगो विमानों के लिए विशेष पार्किंग उपलब्ध कराई गई।
साथ ही, अतिरिक्त कुर्सियां, मुफ्त रिफ्रेशमेंट, बढ़ी हुई ग्राहक सेवा टीम और 24 घंटे सक्रिय हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई है। रद्द उड़ानों के यात्रियों की निकासी के लिए विशेष गेट खोले गए हैं और बैगेज लौटाने के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाई गई है।
सरकार का रुख साफ है कि प्राथमिकता उड़ानों को पटरी पर लाने की है और यात्रियों की सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी चूक पर सख्त कार्रवाई होगी।
मुख्य बातें (Key Points)
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DGCA ने उड़ानों में देरी और रद्दीकरण पर इंडिगो सीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
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24 घंटे में जवाब न देने पर एकतरफा दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
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नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सीईओ के साथ सख्त बैठक कर तुरंत सुधार और रिफंड के निर्देश दिए।
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इंडिगो ने बड़े पैमाने पर रद्दीकरण के लिए क्रू की भारी कमी को जिम्मेदार ठहराया।






