नई दिल्ली, 12 जुलाई (The News Air)
देशभर में अमर वेल की तरह बढ़ रही पेट्रोल और डीज़ल की क़ीमतों से निज़ात पाने की दिशा में भारत सरकार कई अहम व ठोस क़दम उठा रही है। देशभर में जल्द ही पेट्रोल-डीज़ल नहीं, बल्कि ऐथेनॉल पर गाड़ियां दौड़ने वाली हैं। रविवार को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने नागपुर में पहले कमर्शियल लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एल.एन.जी.) फिलिंग स्टेशन का उद्घाटन कर दिया है। इस अवसर पर नितिन गड़करी ने कहा कि देश में बढ़ रही पेट्रोल की क़ीमत से राहत देने के लिए हम दूसरे ईंधनों पर काम कर रहे हैं। एल.एन.जी., सी.एन.जी. और ऐथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन के अधिक उपयोग से पेट्रोल की क़ीमतों में हुई बढ़ोतरी से राहत मिलेगी। इसके साथ उन्होंने कहा कि पेट्रोल की तुलना में ऐथेनॉल का उपयोग कम से कम 20 रुपए प्रति लीटर बचाने में भी मदद करेगा।
प्रति वाहन होगी 11 लाख रुपये की बचत- एल.एन.जी. के संबंध में वह कहते हैं कि एक पारंपरिक ट्रक इंजन को एल.एन.जी. इंजन में बदलने की औसत लागत 10 लाख रुपए आती है। ट्रक या बस वर्ष में लगभग 98,000 किलोमीटर चलते हैं, इस लिए एल.एन.जी. में बदलने के बाद 9-10 महीनों में प्रति वाहन 11 लाख रुपए की बचत होगी। बता दें, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार भारत इस समय अर्थव्यवस्था में पेट्रोल-डीज़ल और पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर 8 लाख करोड़ रुपए ख़र्च कर रहा है।
जल्द लिया जायेगा फ्लेक्स इंजन पर निर्णय- केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी कहते हैं कि हमें चावल, मक्का और चीनी को बर्बाद होने से बचाने के लिए उसके सरप्लस यानि अधिशेष का उपयोग करना होगा। इस दौरान फ्लेक्स इंजन पर भी बात हुई। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में चौपहिया और दुपहिया वाहनों के लिए फ्लेक्स इंजन अनिवार्य करने के संबंध में तीन माह में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अमेरिका, कनाडा और ब्राज़ील जैसे कई देशों के पास फ्लेक्स इंजन पहले से ही हैं। उन्होंने कहा कि वाहन की क़ीमत एक समान रहती है, भले ही वह पेट्रोल हो या फ्लेक्स इंजन।
क्या है फ्लेक्स इंजन?- दरअसल, भारत सरकार काफ़ी वक़्त से फ्लेक्स इंजन के मॉडल पर काम कर रही है। फ्लेक्स इंजन वाली कार में इंधन के कई तरह के विकल्प दिए जाते हैं। फ्लेक्सिबल इंजन एक तरह से किसी वाहन का एक मॉडिफाइड वर्जन है, जिसमें वाहन गैसोलीन या ऐथेनॉल मिक्स करके चलाया जा सकता है।
फ्लेक्स इंजन से होगी 35 रुपये तक की बचत- केंद्रीय मंत्री गड़करी ने हाल ही में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते बताया कि इस ईंधन की क़ीमत 60-62 रुपए प्रति लीटर होगी, जबकि पेट्रोल की क़ीमत 100 रुपये प्रति लीटर से भी ज़्यादा है। ऐथेनॉल के इस्तेमाल से लोग प्रति लीटर 30-35 रुपए की बचत कर पाएंगे। एक और जहां पैसों की बचत होगी वहीं, इससे प्रदूषण फैलाने वाले जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता भी घटेगी और देश में प्रदूषण का स्तर कम करने में मदद मिलेगी।
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