Google Paid ₹853 Crore to Retain Employee : टेक्नोलॉजी की दुनिया में टैलेंट रिटेंशन (Talent Retention) की जंग बहुत ही अहम होती है। गूगल (Google) ने साल 2011 में अपने एक हाई-प्रोफाइल कर्मचारी नील मोहन (Neal Mohan) को ट्विटर (Twitter) में शामिल होने से रोकने के लिए ₹853 करोड़ (लगभग 100 मिलियन डॉलर) का भुगतान किया था। इस घटना ने टेक इंडस्ट्री में कंपनियों के बीच टैलेंट को रोकने की जंग को दर्शाया है।
नील मोहन (Neal Mohan) गूगल (Google) में एड प्रोडक्ट्स टीम के प्रमुख थे और ट्विटर (Twitter) ने उन्हें अपने चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर के रूप में जॉब ऑफर किया था। गूगल को इस बात का पता चलते ही उन्होंने मोहन को रोकने के लिए भारी रकम ऑफर की, जो ₹853 करोड़ (लगभग 100 मिलियन डॉलर) के स्टॉक ऑप्शंस के रूप में था।
यह ऑफर नील मोहन को कंपनी के साथ बने रहने के लिए दिया गया था, जिससे वे ट्विटर नहीं जा पाते। गूगल का डर था कि अगर कोई सीनियर लीडर ट्विटर जैसी प्रतियोगी कंपनी में चला गया, तो इससे गूगल के विज्ञापन व्यवसाय और तकनीकी जानकारियों को नुकसान हो सकता है।
नील मोहन ने इस प्रपोजल को स्वीकार कर गूगल में बने रहने का फैसला किया। आज वह गूगल की प्रमुख सेवा यूट्यूब (YouTube) के CEO भी हैं।
यह जानकारी भारतीय स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी Zerodha के को-फाउंडर निखिल कामथ (Nikhil Kamath) द्वारा एक पॉडकास्ट में दी गई, जिसमें उन्होंने बताया कि तकनीकी कंपनियों के बीच टैलेंट को रोकने के लिए कितना बड़ा कॉम्पिटीशन होता है।