Dalvir Goldy Congress Return की खबर ने पंजाब (Punjab) की सियासत में हलचल मचा दी है। धुरी (Dhuri) से पूर्व विधायक दलवीर सिंह गोल्डी (Dalvir Singh Goldy) ने कांग्रेस (Congress) में अपनी “घर वापसी” कर ली है। यह वापसी दिल्ली (Delhi) में पंजाब कांग्रेस प्रभारी भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) और प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग (Amrinder Singh Raja Warring) की मौजूदगी में हुई।
राजनीतिक घर वापसी और कांग्रेस की ताकत
दलवीर सिंह गोल्डी की कांग्रेस में वापसी ऐसे समय में हुई है जब पार्टी आगामी उपचुनावों की रणनीति बनाने में जुटी है। गोल्डी ने कांग्रेस नेतृत्व के प्रति आस्था जताते हुए कहा कि वह पार्टी की विचारधारा और पंजाब के विकास के लिए समर्पित हैं। वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा (Partap Singh Bajwa) के दिल्ली निवास पर हुए इस आयोजन को कांग्रेस के लिए राजनीतिक और प्रतीकात्मक दोनों रूपों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
आप (AAP) में असंतोष बना वापसी की वजह
दलवीर सिंह गोल्डी ने मई 2024 में कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी (AAP) जॉइन की थी। संगरूर (Sangrur) लोकसभा सीट से खैहरा (Khaira) को टिकट मिलने से वह नाराज थे। चंडीगढ़ (Chandigarh) में मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) की मौजूदगी में वह आप में शामिल हुए थे, लेकिन वहां उन्हें वह स्थान नहीं मिला जिसकी उन्हें अपेक्षा थी। पार्टी के भीतर उन्हें अनदेखी का सामना करना पड़ा, स्थानीय नेतृत्व से मतभेद और समर्थकों की उपेक्षा ने उन्हें असहज कर दिया।
कांग्रेस में अनुभव और पकड़ को मिली तरजीह
राजनीतिक सूत्रों की मानें तो सक्रिय भूमिका न मिलने से वे फिर कांग्रेस की ओर लौटे। कांग्रेस नेतृत्व ने उनके अनुभव और क्षेत्रीय पकड़ को समझते हुए फिर से स्वीकार किया। गोल्डी पहले भी कांग्रेस के टिकट पर 2017 में धुरी सीट से विधायक बने थे और उन्होंने अकाली दल (Akali Dal) को कड़ी टक्कर दी थी।
2022 और 2024 की घटनाएं बनीं पृष्ठभूमि
2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें सीएम भगवंत मान के खिलाफ मैदान में उतरना पड़ा, जिसमें वे हार गए। 2024 के लोकसभा चुनावों में उन्हें टिकट नहीं मिला, जिससे वह पार्टी से धीरे-धीरे दूर हो गए।
संगठन को मिली मजबूती
गोल्डी की वापसी को कांग्रेस के लिए विशेष रूप से संगरूर और मालवा (Malwa) बेल्ट में संगठनात्मक मजबूती के तौर पर देखा जा रहा है। अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं की वापसी से कांग्रेस एकजुट होकर आगामी चुनावों में मजबूती से उतरेगी।
पार्टी का दरवाजा अब भी खुला
भूपेश बघेल ने इस मौके पर कहा कि कांग्रेस उन सभी के लिए खुला मंच है जो पार्टी की विचारधारा और जनता की सेवा को प्राथमिकता देते हैं। इस “घर वापसी” से कांग्रेस को न केवल संगठनात्मक बल मिला है, बल्कि यह संकेत भी गया है कि पुराने नेता अब फिर से पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।