Gold Price Hike Explained: भारत में सोने की कीमतों ने एक नया इतिहास रच दिया है। साल 2025 में सोने के भाव में 60 से 67% की रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आज की तारीख में सोने की कीमत 1,34,000 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर गई है। दीपावली और धनतेरस के बाद कुछ गिरावट की उम्मीद थी, लेकिन शादी के सीजन में फिर से दामों में आग लग गई है।
न्यूज 18 की टीम ने एक ज्वैलरी शॉप पर जाकर उपभोक्ताओं और ज्वैलर्स से बात की, जहां लोगों के चेहरों पर बढ़ती कीमतों की चिंता साफ देखी जा सकती थी। शादी-ब्याह और शुभ कार्यों के लिए जरूरी माने जाने वाले सोने ने आम आदमी के बजट को बिगाड़ कर रख दिया है।
आम आदमी की पहुंच से बाहर
ज्वैलरी शॉप पर मौजूद ग्राहकों का कहना है कि 1.35 लाख का भाव उनकी जेब पर बहुत भारी पड़ रहा है। लोग अब कम वजन की ज्वैलरी खरीदने को मजबूर हैं, लेकिन उसका अमाउंट भी उनके बजट से बाहर जा रहा है। एक बुजुर्ग ग्राहक ने बताया कि 1968 में उन्होंने 195 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव से सोना खरीदा था। उस समय 10 तोले का बिस्किट मात्र 2250 रुपये का आता था। आज वही सोना लाखों में पहुंच गया है, जिसे देखकर उन्हें यकीन नहीं होता।
ज्वैलर्स का दर्द: बिक्री में भारी गिरावट
कृष्णा ज्वैलर्स के मालिक ने बताया कि पिछले 6-7 सालों में सोने का भाव 35-36 हजार से बढ़कर 1.34 लाख हो गया है, यानी लगभग चार गुना बढ़ गया है। लेकिन आम आदमी की आय चार गुना नहीं बढ़ी है। इसका नतीजा यह हुआ है कि ज्वैलरी का कारोबार घटकर महज 25% रह गया है। लोग अब ज्वैलरी खरीदने के बजाय सोने में निवेश (Investment) करने को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं क्योंकि इसने शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड से भी बेहतर रिटर्न दिया है।
कीमतें बढ़ने की असली वजह क्या है?
विशेषज्ञों और ज्वैलर्स के मुताबिक, सोने की कीमतों में आग लगने की कई बड़ी वजहें हैं:
-
जियो-पॉलिटिकल तनाव: रूस-यूक्रेन युद्ध और अन्य वैश्विक तनावों के कारण सोने के रेट बढ़ रहे हैं। संकट के समय सोना हमेशा सुरक्षित निवेश माना जाता है।
-
डॉलर का कमजोर होना: दुनिया भर में डॉलर की स्थिति कमजोर हुई है। कई देशों के सेंट्रल बैंक, खासकर चीन, अपने डॉलर रिजर्व को कम करके सोने की भारी खरीद कर रहे हैं। जब मांग बढ़ती है, तो दाम बढ़ना तय है।
-
निवेशकों का भरोसा: जमीन और सोना, ये दो ऐसी चीजें हैं जिनके दाम हमेशा बढ़ते हैं। इसलिए अनिश्चितता के दौर में लोग सोने की तरफ भागते हैं।
इतिहास खुद को दोहरा रहा है?
ज्वैलर्स याद दिलाते हैं कि ऐसा ही एक दौर 1977-78 में मोरारजी देसाई की सरकार के समय आया था। तब सोना 700 रुपये से बढ़कर 1200 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया था। वह भी उस समय के लिए एक बड़ी खबर थी। लेकिन इस बार फर्क यह है कि पिछली बार दो साल लगे थे, जबकि इस बार महज 10-11 महीनों में ही 60-70% की बढ़ोतरी हो गई है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
-
रिकॉर्ड तेजी: 2025 में सोने के दाम 60% से ज्यादा बढ़े, भाव 1.34 लाख पार।
-
कारोबार पर असर: महंगी ज्वैलरी के कारण बिक्री में 75% तक की गिरावट।
-
वैश्विक कारण: युद्ध और डॉलर की कमजोरी के चलते दुनिया भर के सेंट्रल बैंक सोना खरीद रहे हैं।
-
निवेश का विकल्प: ज्वैलरी की मांग घटी है, लेकिन निवेश के तौर पर सोने की चमक बढ़ी है।
-
इतिहास: 1968 में 195 रुपये था भाव, आज लाखों में पहुंचा।






