Gold Silver Today Rate : महंगाई के इस दौर में अगर आप सोना-चांदी खरीदने का मन बना रहे हैं, तो यह खबर आपको थोड़ा परेशान कर सकती है। सोने और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ उछाल का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार की भारी बढ़त के बाद, आज यानी मंगलवार को भी सराफा बाजार में तेजी का तूफान जारी रहा। दोनों ही कीमती धातुओं में 1% से ज्यादा का उछाल दर्ज किया गया है, जिसने आम आदमी की जेब पर सीधा असर डाला है।
सोना 1.38 लाख, चांदी 1.63 लाख के पार
एमसीएक्स (MCX) पर आज सोने की चमक और भी बढ़ गई। फरवरी फ्यूचर्स का सोना 1.1% की छलांग लगाकर प्रति 10 ग्राम 1,38,300 रुपये के अपने अब तक के सर्वोच्च शिखर पर पहुंच गया है। वहीं, चांदी की रफ्तार तो सोने से भी तेज रही। एमसीएक्स पर चांदी 1.7% उछलकर 1,63,596 रुपये प्रति किलोग्राम के ऐतिहासिक स्तर पर जा पहुंची है (वीडियो में ₹16,596 बोला गया है, जो स्पष्ट रूप से एक मानवीय भूल/स्लिप ऑफ टंग है क्योंकि चांदी का भाव लाखों में चल रहा है, संदर्भानुसार इसे सही किया गया है)। यह कीमतें अब तक के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर चुकी हैं।
क्यों बढ़ रहे हैं दाम?
इस भारी उछाल के पीछे मुख्य वजह वैश्विक बाजार (Global Market) में मिल रहे सकारात्मक संकेत हैं। दुनिया भर में बढ़ रहे भू-राजनीतिक तनाव (Geopolitical Tension), विशेष रूप से अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनातनी, ने निवेशकों को डरा दिया है। इसके अलावा, अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और डॉलर इंडेक्स में गिरावट ने भी आग में घी का काम किया है। जब अर्थव्यवस्था अनिश्चित होती है, तो निवेशक शेयर बाजार की बजाय ‘सेफ हेवन’ माने जाने वाले सोने-चांदी में पैसा लगाना सुरक्षित समझते हैं।
चांदी की चमक के पीछे ‘इंडस्ट्रियल’ राज
सोने के साथ-साथ चांदी की मांग बढ़ने का एक बड़ा कारण इसका औद्योगिक उपयोग भी है। सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक गाड़ियां (EVs) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़ी टेक्नोलॉजी में चांदी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। लंदन और चीन में चांदी की सप्लाई कम होने के कारण भी कीमतों में उछाल आ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि साल 2026 से चीन चांदी के निर्यात को सीमित करने की योजना बना रहा है, जिससे बाजार में इसकी किल्लत और बढ़ सकती है।
निवेशकों के लिए सुनहरा मौका?
HDFC सिक्योरिटीज के कमोडिटी एनालिस्ट के मुताबिक, यह सराफा बाजार में ‘बुल रन’ यानी तेजी का दौर है। राजकोषीय चिंताएं और अनिश्चित अमेरिकी अर्थव्यवस्था के चलते निवेशकों का रुझान सोने-चांदी की तरफ बढ़ा है। बड़े धनी लोगों (HNIs) और रिटेल निवेशकों ने ईटीएफ (ETF) में भारी निवेश किया है, जिससे फिजिकल चांदी का एक बड़ा स्टॉक जमा हो गया है। जानकारों का कहना है कि 2026 की पहली तिमाही में चांदी, सोने से भी बेहतर रिटर्न दे सकती है।
विश्लेषण: निवेश या इंतजार?
मौजूदा दौर में सोने-चांदी की कीमतें जिस तरह रॉकेट बनी हुई हैं, वह एक तरफ निवेशकों को खुश कर रही हैं, तो दूसरी तरफ शादी-ब्याह वाले परिवारों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच रही हैं। 1989 के बाद यह धातुओं का सबसे मजबूत वार्षिक प्रदर्शन है। भू-राजनीतिक हालात सुधरने के आसार कम हैं और चीन की सप्लाई पॉलिसी सख्त होने वाली है, ऐसे में निकट भविष्य में दामों में बड़ी गिरावट की उम्मीद कम ही है। आम उपभोक्ता के लिए यह ‘वेट एंड वॉच’ का समय हो सकता है, लेकिन लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह अभी भी मुनाफे का सौदा साबित हो सकता है।
जानें पूरा मामला
सोमवार को दिल्ली सराफा बाजार में सोने ने 1685 रुपये की छलांग लगाई थी और आज एमसीएक्स पर भी यह तेजी बरकरार रही। वैश्विक कारणों, सप्लाई की कमी और सुरक्षित निवेश की मांग ने सोने-चांदी को नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया है। कोटक सिक्योरिटीज और आनंद राठी जैसे ब्रोकरेज हाउस भी आगे चलकर सप्लाई की कमी और कीमतों में मजबूती का अनुमान लगा रहे हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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एमसीएक्स पर सोना 1,38,300 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर।
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चांदी की कीमतों में 1.7% का उछाल, औद्योगिक मांग बढ़ने से मिली रफ्तार।
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अमेरिका में ब्याज दर कटौती और वैश्विक तनाव के चलते बढ़ रहे हैं दाम।
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सोलर पैनल और ईवी सेक्टर में चांदी की बढ़ती खपत भी एक बड़ा कारण।
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विशेषज्ञों के अनुसार, 2026 में चांदी सोने से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।






