Bank of America Gold Price Forecast सोने की कीमतों में चल रही उतार-चढ़ाव के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। Bank of America ने सोने के भविष्य को लेकर एक ऐसा चौंकाने वाला दावा किया है, जो निवेशकों और आम खरीदारों दोनों की धड़कनें बढ़ा सकता है।
सोने में रिकॉर्ड तेजी के बाद हाल ही में कुछ गिरावट देखने को मिली है। इसके बावजूद, पीली धातु अभी भी 75,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर के आसपास कारोबार कर रही है। इस मौजूदा स्थिति के बीच, भविष्य की कीमतों को लेकर एक बड़ा अनुमान सामने आया है।
डेढ़ लाख के पार जा सकता है सोना
बैंक ऑफ अमेरिका ने साल 2026 के लिए सोने की कीमतों को लेकर एक बड़ा दावा किया है। बैंक का अनुमान है कि 2026 में सोने की औसत कीमत 4,538 डॉलर प्रति औंस रह सकती है।
इतना ही नहीं, बैंक का मानना है कि अगर परिस्थितियां अनुकूल रहीं और सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग बनी रही, तो कीमत 5,000 डॉलर प्रति औंस तक भी पहुंच सकती है। अगर भारतीय रुपये में इस रकम का आकलन करें, तो यह कीमत करीब 1,57,000 रुपये प्रति 10 ग्राम बैठती है।
यह अनुमान आम आदमी के लिए चिंता का विषय हो सकता है, जो शादी-ब्याह या त्योहारों के लिए सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं। फिलहाल, वैश्विक हाजिर बाजार में सोने की कीमतें 175 डॉलर प्रति औंस बताई गई हैं।
कीमतें बढ़ने के पीछे क्या हैं कारण?
बैंक ऑफ अमेरिका ने अपने इस पूर्वानुमान के पीछे कई प्रमुख मैक्रो-इकोनॉमिक कारण गिनाए हैं। इनमें सरकारों पर बढ़ता कर्ज का स्तर (Higher Government Loan Level) और लगातार बढ़ती महंगाई प्रमुख हैं।
इसके अलावा, कम ब्याज दरें और अमेरिका की अपरंपरागत आर्थिक नीतियां भी इसमें अहम भूमिका निभा रही हैं। बैंक के अनुसार, ये कारक पहले ही सोने में ऐतिहासिक तेजी लाने में योगदान दे रहे हैं, और अगर इनका प्रभाव जारी रहा, तो सोना 5,000 डॉलर के स्तर को छू सकता है।
अन्य वैश्विक कारक और फेड का रुख
बैंक के अनुसार, कुछ अन्य कारक भी हैं जो सोने की कीमतों को प्रभावित करेंगे। इनमें चीन से मांग में कमी, प्रमुख खनन धातुओं की आपूर्ति में बाधा और कम वैश्विक भंडार शामिल हैं।
दूसरी ओर, ब्याज दरों को लेकर भी उम्मीदें बढ़ी हैं। न्यूयॉर्क फेड के अध्यक्ष जॉन विलियम्स ने हाल ही में कहा था कि ब्याज दरों में कटौती से महंगाई के खिलाफ फेड की लड़ाई को नुकसान नहीं पहुंचेगा। इस बयान के बाद से दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें और बढ़ गई हैं।
चांदी के बाजार में गहराता संकट
सिर्फ सोना ही नहीं, चांदी की कीमतों में भी आने वाले दिनों में और ज्यादा उछाल देखने को मिल सकता है। इसका कारण ग्लोबल सिल्वर मार्केट में सामने आ रहा एक नया संकट है।
दरअसल, चीन में चांदी का भंडार एक दशक में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। इस दबाव को कम करने के लिए हाल ही में भारी मात्रा में चांदी लंदन भेजी गई थी, जिसने कीमतों को रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचाने में भूमिका निभाई।
चीन से रिकॉर्ड निर्यात
आंकड़े बताते हैं कि शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज से जुड़े गोदामों में स्टॉक हाल ही में 2015 के बाद के सबसे निचले स्तर पर चला गया है। वहीं, शंघाई गोल्ड एक्सचेंज का कारोबार भी 9 साल से ज्यादा समय में सबसे कम स्तर पर है।
यह गिरावट तब आई है जब अक्टूबर में चीन का कीमती धातु का निर्यात 660 टन से ज्यादा हो गया, जो अब तक का सबसे ज्यादा कारोबार बताया जा रहा है। इन वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए, आने वाले समय में कीमती धातुओं के बाजार में बड़ी हलचल की संभावना बनी हुई है।
मुख्य बातें (Key Points)
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बैंक ऑफ अमेरिका का अनुमान है कि अनुकूल परिस्थितियों में 2026 तक सोना 5,000 डॉलर प्रति औंस (लगभग 1,57,000 रुपये प्रति 10 ग्राम) तक पहुंच सकता है।
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इस तेजी के मुख्य कारणों में बढ़ता सरकारी कर्ज, महंगाई और अमेरिकी आर्थिक नीतियां शामिल हैं।
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चीन में चांदी का भंडार एक दशक के निचले स्तर पर पहुंचने से ग्लोबल सिल्वर मार्केट में संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिससे कीमतें और बढ़ सकती हैं।
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अक्टूबर में चीन से कीमती धातुओं का निर्यात रिकॉर्ड 660 टन से ज्यादा रहा है।






