Go First Crisis: वित्तीय दिक्कतों से जूझ रही गो फर्स्ट (Go First) की याचिका पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) कल यानी गुरुवार 4 मई को सुनवाई करेगी। वाडिया ग्रुप की विमानन कंपनी ने मंगलवार को तीन से पांच मई की सभी उड़ानों को रद्द करने के बाद एनसीएलटी में रिजॉल्यूशन के लिए याचिका दायर किया था। यह विमान कंपनी सस्ते में हवाई सेवाएं मुहैया कराती है और अब इसे नगदी संकट झेलना पड़ रहा है। इसके चलते मंगलवार को गो फर्स्ट ने एनसीएलटी की मुंबई बेंच में वालंटरी इनसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग्स दायर किया था। इसके वकील ने अर्जेंट लिस्टिंग का अनुरोध किया था जिस पर ट्रिब्यूनल सहमत हो गई।
इस कारण NCLT के पास पहुंची Go First
गो फर्स्ट के मुताबिक इसे एनसीएलटी के पास याचिका दायर करने को बाध्य होने पड़ा है। कंपनी का कहना है कि प्रैट एंड व्हिटनी (Pratt & Whitney) से इसे इंजन का सप्लाई में रुकावटें आ रही है और इस वजह से गो फर्स्ट को इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के सेक्शन 10 के तहत संरक्षण और रिजॉल्यूशन के लिए याचिका दायर करना पड़ा। गो फर्स्ट ने एनसीएलटी में अपने रिजॉल्यूशन के लिए ही नहीं बल्कि इंजन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी के खिलाफ वहां डेलवेयर फेडरल कोर्ट में याचिका दायर किया है।
अमेरिकी कोर्ट में गो फर्स्ट ने अनुरोध किया है कि प्रैट एंड व्हिटनी को इंजन सप्लाई करने का निर्देश दिया जाए क्योंकि ऐसा नहीं होने पर इसके बंद होने की नौबत आ सकती है। इंजन नहीं मिलने के चलते फिलहाल गो फर्स्ट के 28 विमान बंद पड़े हैं जो इसके कुल बेडे़ का करीब 18 आधा है। वहीं अमेरिकी कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी का कहना है कि गो फर्स्ट का नॉन-पेमेंट का लंबा रिकॉर्ड रहा है। हालांकि यह मामला अब कोर्ट में चल रहा है तो इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
कब तक शुरू हो पाएंगी उड़ानें
याचिका दायर करते समय कंपनी ने कहा था कि एनसीएलटी में याचिका स्वीकार होने के बाद ही उड़ानें शुरू हो पाएंगी। हालांकि अब न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में कंपनी के सीईओ Kaushik Khona का कहना है कि कम से कम 15 मई तक टिकटों की बिक्री नहीं होगी। एयरलाइन कंपनी ने तीन से पांच मई तक उड़ानों को रद्द कर दिया है। इसके चलते सिविल एविएशन रेगुलेटर DGCA बिना किसी पूर्व सूचना के टिकट रद्द करने के लिए एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस भेजा है।