नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (The News Air)
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Government) कुछ केंद्रीय कर्मचारियों को दिवाली पर बोनस (Diwali Bonus) का तोहफा देने वाली है. वित्तo मंत्रालय (Ministry of Finance) ने बताया कि अर्धसैनिक बलों को 30 दिन का दिवाली बोनस दिया जाएगा. केंद्र सरकार के कर्मचारियों (Central Government Employees) को 30 दिन के वेतन के बराबर नॉन-प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (Adhoc Bonus) दिए जाने की मंजूरी दे दी गई है. इसका फायदा केंद्र सरकार के ग्रुप-सी और ग्रुप-बी के उन सभी नॉन-गैजेटेड कर्मचारियों को मिलेगा, जो किसी प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस स्कीम के तहत नहीं आते हैं.
बोनस के लिए पूरी करनी होंगी ये शर्तें-वित्त मंत्रालय के मुताबिक, एडहॉक बोनस का फायदा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और सशस्त्र बलों के पात्र कर्मचारियों को मिलेगा. इसके अलावा केंद्रशासित प्रदेशों के उन कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा, जो केंद्र सरकार के एमॉलमेंट्स (Emoluments) के पैटर्न का पालन करते हैं और केंद्र सरकार के किसी दूसरे बोनस के दायरे में नहीं आते हैं. एडहॉक बोनस का फायदा केवल उन कर्मचारियों को मिलेगा, जो 31 मार्च 2021 को सेवा में थे और साल 2020-21 के दौरान कम से कम छह महीने लगातार नौकरी कर रहे हैं. इसमें 6 महीने से एक साल तक नौकरी कर रहे कर्मचारियों को उसी अनुपात में बोनस दिया जाएगा.
ऐसे की जाएगी दीवाली बोनस की गणना
– एक वर्ष में औसत एमॉलमेंट्स को महीने में दिनों की औसत संख्या 30.4 से डिवाइड किया जाएगा. उदाहरण के लिए 7000 रुपये पर 7000×30/30.4 = Rs 6907.89 रुपये होगा.
– सप्ताह में 6 दिनों के तहत कार्यालयों में 3 साल या उससे ज्यादा समय तक हर साल कम से कम 240 दिन काम करने वाले कैजुअल लेबर को फायदा मिलेगा. इनके लिए एडहॉक बोनस की राशि 1200×30/30.4 = 1184.21 रुपये होगी.
हाल में की गई हैं केंद्रीय कर्मियों के लिए कई घोषणाएं-त्योहारी सीजन में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के डीए और डीआर में फिर 3 फीसदी की वृद्धि हो सकती है. इससे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगी का डीए व डीआर बेसिक सैलरी का 28 फीसदी से बढ़कर 31 फीसदी हो जाएगा. डीए और डीआर में वृद्धि के अलावा केंद्र सरकार के कर्मचारियों को कुछ अन्य लाभ भी मिलेंगे, जिनकी घोषणा हाल ही में की गई थी. केंद्रीय कर्मचारियों की पारिवारिक पेंशन की सीमा 45000 रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दी गई है. मृत कर्मचारियों के परिजनों की मदद और उन्हें पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र ने यह कदम उठाया था.