पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) की एक बार फिर पार्टी में वापसी हो सकती है। गुलाम नबी आजाद ने चार महीने पहले ही बड़े हाई वॉल्टेज ड्रामे के बीच पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। ऐसी जानकारी सामने आ रहा है कि आजाद और कांग्रेस (Congress) के बीच बातचीत भी शुरू हो गई है। Hindustan Times ने कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से कहा, “राजनीति में कुछ भी हो सकता है, लेकिन अगर आजाद साहब कांग्रेस में लौटते हैं, तो हमें वाकई आश्चर्य होगा।”
गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान आजाद ने कहा था कि केवल कांग्रेस ही BJP का मुकाबला कर सकती है। 73 साल के नेता ने अपने त्याग पत्र में राहुल गांधी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस की नीति के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसकी कमजोर व्यवस्था से उन्हें दिक्कत है।
आजाद के बयान के बाद माना जा रहा है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के संयोजक दिग्विजय सिंह ने अपने पूर्व सहयोगी को राहुल गांधी के मार्च में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, अखिलेश प्रसाद सिंह और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उनकी पार्टी में वापसी और यात्रा में भाग लेने की वकालत की। ये दोनों नेता विद्रोही ग्रुप G23 में आजाद के साथ थे।
आजाद ने कांग्रेस को कोई जवाब नहीं दिया
अनुभवी कांग्रेस नेता अंबिका सोनी को भी आजाद और ग्रैंड ओल्ड पार्टी के आलाकमान के बीच की खाई को पाटने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सोनी ने कथित तौर पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री को यात्रा में शामिल होने और फिर राहुल गांधी से बात करने के लिए कहा है। हालांकि, आजाद ने कांग्रेस को कोई जवाब नहीं दिया है।
एक विस्फोटक इस्तीफे पत्र में, आजाद ने राहुल गांधी पर तीखा हमला किया और आज कांग्रेस की स्थिति के लिए उन्हें दोषी ठहराया।
वायनाड के सांसद पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का अपमान करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सभी फैसले राहुल या उनके सुरक्षा गार्ड और पीए की तरफ से लिए जाते हैं।
कांग्रेस छोड़ने के बाद, आज़ाद ने ‘डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी’ नाम के अपने नए संगठन की घोषणा की। हालांकि, उनके नए संगठन को वरिष्ठ नेताओं के बाहर निकलने से झटका लगा है, जिन्होंने आजाद के साथ कांग्रेस छोड़ दी थी।
PTI ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री तारा चंद के साथ पूर्व मंत्री मनोहर लाल शर्मा और पूर्व विधायक बलवान सिंह को 22 दिसंबर को आजाद ने ग्रैंड ओल्ड पार्टी के साथ मिलन करने के आरोप में निष्कासित कर दिया था।
DAP के 100 से ज्यादा पदाधिकारियों और संस्थापक सदस्यों ने तीनों नेताओं के समर्थन में पार्टी से इस्तीफे की घोषणा की।