Saturn Remedy Bichhu Plant: अगर आप नौकरी में कष्ट, बीमारी, कानूनी अड़चनों या काम में लगातार हो रही देरी से परेशान हैं, तो इसका कारण आपकी कुंडली में शनि (Saturn) का प्रकोप हो सकता है। ऐसे में ‘बिच्छू’ के पेड़ की जड़ आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। पंडित जी बताते हैं कि बिच्छू के पेड़ की जड़ का सीधा संबंध शनि ग्रह से है। यह कोई सामान्य पौधा नहीं है, बल्कि शनि के दोषों को कम करने के लिए एक बेहद प्रभावशाली उपाय माना जाता है।
क्या है बिच्छू का पेड़ और कहां मिलता है?
अक्सर लोग नाम सुनकर भ्रमित हो जाते हैं कि कहीं यह सांप-बिच्छू से जुड़ा तो नहीं है। लेकिन ऐसा नहीं है। बिच्छू एक प्रकार का पौधा है जो आमतौर पर रेलवे लाइनों के किनारे पाया जाता है। इसके फल में दो कांटे होते हैं जो बिल्कुल बिच्छू के डंक जैसे दिखते हैं, इसीलिए इसे ‘बिच्छू’ नाम दिया गया है। ज्योतिष शास्त्र में शनि को आयु, रोग, कर्म और तकनीकी सेवा का कारक माना गया है। अगर शनि खराब हो, तो बिच्छू की जड़ उसे काफी हद तक नियंत्रित कर सकती है।
किन लोगों को धारण करनी चाहिए यह जड़?
पंडित जी के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष है, उन्हें बिच्छू की जड़ अवश्य धारण करनी चाहिए। इसके अलावा, शनि की ढैया, साढ़ेसाती या महादशा से जूझ रहे लोगों के लिए भी यह बेहद लाभकारी है। जो लोग गठिया या नसों से जुड़ी बीमारियों से परेशान हैं, उन्हें भी इस जड़ को धारण करने से स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है।
धारण करने की विधि और नियम
बिच्छू की जड़ को शनिवार के दिन धारण करना सबसे शुभ माना जाता है। इसे पहनने से पहले गंगाजल से धोकर शुद्ध कर लें। इसके बाद “ॐ शं शनिश्चराय नमः” मंत्र का जाप करते हुए इसे नीले कपड़े में लपेटकर अपनी दाहिनी बाजू (Right Arm) पर बांधें। इसके साथ ही किसी जरूरतमंद व्यक्ति को चिमटा, तवा, काले तिल या सरसों का तेल दान करना न भूलें।
सिर्फ जड़ काफी नहीं, हनुमान जी हैं असली रक्षक
पंडित जी स्पष्ट करते हैं कि जड़ धारण करने से केवल 10-20% ही लाभ मिल सकता है। अगर आप शनि की गंभीर पीड़ा से गुजर रहे हैं, तो कलयुग के प्रत्यक्ष देवता हनुमान जी की शरण में जाना ही सर्वोत्तम उपाय है।
100 दिनों का महाउपाय: अगर आपको लगता है कि शनि आपकी दुर्गति का कारण है, तो 100 दिनों तक रोज शाम को हनुमान जी के चित्र के सामने घी का दीपक और धूप जलाएं। उन्हें लाल फूल चढ़ाएं और पूरी श्रद्धा के साथ रामचरितमानस के सुंदरकांड का पाठ करें। पंडित जी का दावा है कि 100 दिन पूरे होते ही आपकी विपत्तियां टल जाएंगी और हनुमान जी स्वयं आपके रक्षक बन जाएंगे।
जानें पूरा मामला
शनि के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए बिच्छू की जड़ एक सहायक उपाय है, लेकिन पूर्ण समाधान हनुमान भक्ति में ही है। जड़ धारण करना एक कवच की तरह काम करता है, जबकि सुंदरकांड का पाठ आपके जीवन की दिशा बदल सकता है। इसलिए, दोनों उपायों का संगम ही आपके जीवन में चमत्कार ला सकता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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बिच्छू के पेड़ की जड़ शनि दोष, ढैया और साढ़ेसाती में लाभकारी है।
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इसे शनिवार के दिन मंत्र जाप के साथ नीले कपड़े में दाहिनी बाजू पर धारण करें।
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गठिया और नसों के रोगियों के लिए भी यह जड़ फायदेमंद है।
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100 दिनों तक सुंदरकांड का पाठ शनि पीड़ा का सबसे बड़ा और अचूक उपाय है।






