MSME Ministry Year End Review 2025: वर्ष 2025 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियों का साल रहा। उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर 7.30 करोड़ से अधिक उद्यमों का पंजीकरण हुआ, पीएम विश्वकर्मा योजना में 30 लाख लाभार्थियों का लक्ष्य हासिल किया गया और खादी-ग्राम उद्योग की बिक्री ₹1.27 लाख करोड़ से अधिक हो गई। इसके साथ ही एमएसएमई वर्गीकरण की निवेश और कारोबार सीमाएं क्रमशः 2.5 गुना और 2 गुना बढ़ा दी गईं जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो गईं।
एमएसएमई वर्गीकरण में ऐतिहासिक बदलाव
केंद्रीय बजट 2025-26 में एमएसएमई वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार की सीमा में बड़ा बदलाव किया गया है। सूक्ष्म उद्यमों के लिए निवेश सीमा 1 करोड़ से बढ़ाकर 2.5 करोड़ और कारोबार सीमा 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दी गई है।
लघु उद्यमों के लिए निवेश सीमा 10 करोड़ से बढ़ाकर 25 करोड़ और कारोबार सीमा 50 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ हो गई है। मध्यम उद्यमों के लिए निवेश सीमा 50 करोड़ से बढ़ाकर 125 करोड़ और कारोबार सीमा 250 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ कर दी गई है।
इस बदलाव का सीधा असर लाखों छोटे कारोबारियों पर पड़ेगा जो अब बड़े पैमाने पर अपना व्यापार बढ़ा सकेंगे और बेहतर संसाधनों तक पहुंच प्राप्त कर सकेंगे।
उद्यम पंजीकरण में रिकॉर्ड वृद्धि
1 जुलाई 2020 से 17 दिसंबर 2025 तक उद्यम पंजीकरण पोर्टल और उद्यम सहायता प्लेटफॉर्म पर 7.30 करोड़ से अधिक उद्यमों ने पंजीकरण कराया है। इसमें उद्यम पोर्टल पर 4.37 करोड़ और यूएपी पर 2.92 करोड़ पंजीकरण शामिल हैं।
यह पंजीकरण प्रक्रिया नि:शुल्क, कागज रहित और पूरी तरह डिजिटल है। मंत्रालय ने 11 जनवरी 2023 को अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों को औपचारिक दायरे में लाने के लिए उद्यम सहायता प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया था।
पीएम विश्वकर्मा योजना की शानदार सफलता
प्रधानमंत्री ने 17 सितंबर 2023 को पीएम विश्वकर्मा योजना का शुभारंभ किया था। हाथों और औजारों से काम करने वाले 18 व्यवसायों के कारीगरों और शिल्पकारों के लिए शुरू की गई इस योजना में दो वर्षों के भीतर ही 30 लाख लाभार्थियों के पंजीकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया गया।
1 जनवरी 2025 से 5 दिसंबर 2025 तक की उपलब्धियां:
- कौशल उन्नयन: 7.7 लाख लाभार्थियों ने बुनियादी कौशल प्रशिक्षण पूरा किया
- ऋण सहायता: 2.62 लाख लाभार्थियों को रियायती ब्याज दर पर ₹2,257 करोड़ स्वीकृत
- डिजिटल प्रोत्साहन: 6.7 लाख लाभार्थियों को डिजिटल रूप से सक्षम बनाया गया
- टूलकिट वितरण: घर-घर जाकर 10.57 लाख आधुनिक टूलकिट वितरित किए गए
- विपणन सहायता: देश भर में 138 व्यापार मेले, प्रदर्शनियां और कार्यशालाएं आयोजित
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी)
वित्त वर्ष 2008-09 से लेकर 16 दिसंबर 2025 तक देश भर में 10.71 लाख से अधिक सूक्ष्म उद्यमों को ₹29,249.43 करोड़ की मार्जिन मनी सब्सिडी के माध्यम से सहायता प्रदान की गई है। इससे 87 लाख से अधिक व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजित होने का अनुमान है।
1 जनवरी 2025 से 16 दिसंबर 2025 तक 84,034 नए सूक्ष्म उद्यमों को ₹3,125.35 करोड़ की मार्जिन मनी सब्सिडी वितरित की गई है जिससे 6.7 लाख से अधिक व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजित होने का अनुमान है।
जून 2025 से पीएमईजीपी के लिए अंग्रेजी और हिंदी के अलावा 19 क्षेत्रीय भाषाओं में भी आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं।
ऋण गारंटी योजना ने पूरे किए 25 साल
सूक्ष्म एवं लघु उद्यम ऋण गारंटी योजना (सीजीएसएमएसई) ने अपनी 25वीं वर्षगांठ मनाई और इस महत्वपूर्ण वर्ष में एक करोड़ ऋण गारंटी का आंकड़ा पार किया।
1 जनवरी से 30 नवंबर 2025 की अवधि में ₹3.77 लाख करोड़ की 29.03 लाख गारंटियों को स्वीकृति दी गई है। गारंटी कवरेज की सीमा 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दी गई है जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी है।
ट्रांसजेंडर उद्यमियों के लिए विशेष प्रावधान पेश किया गया है जिसमें गारंटी शुल्क में 10 प्रतिशत की छूट और 85 प्रतिशत की बढ़ी हुई गारंटी कवरेज प्रदान की गई है।
आत्मनिर्भर भारत (एसआरआई) निधि
अक्टूबर 2021 में शुरू हुई एसआरआई निधि योजना ने 30 नवंबर 2025 तक 682 लघु एवं मध्यम उद्यमों को ₹1,823 करोड़ के निवेश के माध्यम से सहायता प्रदान की है। 69 सहायक निधियों को एनएसआईसी वेंचर कैपिटल फंड लिमिटेड के साथ सूचीबद्ध किया गया है।
1 जनवरी 2025 से 30 नवंबर 2025 तक 9 सहायक फंड एनवीसीएफएल के साथ सूचीबद्ध किए गए और 129 संभावित एमएसएमई की सहायता के लिए ₹613 करोड़ से अधिक का निवेश किया गया है।
खादी और ग्राम उद्योग की बिक्री ₹1.27 लाख करोड़ के पार
30 नवंबर 2025 तक ₹1,27,606.30 करोड़ की खादी एवं ग्राम उद्योग बिक्री हासिल की गई है जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह ₹1,10,747.40 करोड़ थी। इसी प्रकार ₹85,072.32 करोड़ का उत्पादन हासिल किया गया है।
केवीआईसी ने कारीगरों की आय बढ़ाने के लिए कताई की मजदूरी ₹12.50 प्रति हैंक से बढ़ाकर ₹15 प्रति हैंक कर दी है और बुनाई की मजदूरी में 20 प्रतिशत की वृद्धि 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी की है।
17 सितंबर से 23 अक्टूबर 2025 तक “हर घर स्वदेशी, घर घर स्वदेशी” नारे के साथ खादी महोत्सव का आयोजन किया गया।
नारियल रेशा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति
जनवरी से अक्टूबर 2025 के बीच नारियल रेशे का निर्यात ₹5,260.77 करोड़ तक पहुंच गया। कौशल उन्नयन कार्यक्रम और महिला नारियल योजना के तहत 985 कारीगरों को प्रशिक्षित किया गया जिनमें 437 महिला कारीगर शामिल थीं।
बोर्ड ने देश भर में 74 प्रचार कार्यक्रम आयोजित किए और 35 घरेलू प्रदर्शनियों में भाग लिया। 166 नए नारियल रेशे के निर्यातकों का पंजीकरण हुआ और 7 नई मशीनें/प्रौद्योगिकियां/उत्पाद विकसित किए गए।
एमएसएमई-समूह विकास कार्यक्रम
वर्ष 2003 में शुरू किए गए सूक्ष्म एवं लघु उद्यम समूह विकास कार्यक्रम के तहत अब तक 609 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है जिनमें से 353 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में भारत सरकार की ₹177.52 करोड़ की सहायता से कुल ₹253.23 करोड़ की परियोजना लागत वाली 11 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में एमएसएमई को प्रोत्साहन
2016 में शुरू की गई इस योजना के तहत 15 दिसंबर 2025 तक कुल 73 प्रस्तावों को स्वीकृति दी जा चुकी है। जनवरी से नवंबर 2025 के दौरान असम और मेघालय के लिए 8 अवसंरचना परियोजनाएं स्वीकृत की गईं जिनकी कुल लागत ₹114.37 करोड़ है और भारत सरकार द्वारा स्वीकृत अनुदान ₹89.60 करोड़ है।
सार्वजनिक खरीद में एमएसई की हिस्सेदारी बढ़ी
वर्ष 2024-25 के दौरान भाग लेने वाले सीपीएसई और विभागों ने एमएसई से कुल ₹93,017.08 करोड़ (43.58 प्रतिशत) की खरीद की है जो न्यूनतम 25 प्रतिशत के लक्ष्य से काफी अधिक है।
अनुसूचित जाति/जनजाति के स्वामित्व वाले एमएसएमई से सार्वजनिक खरीद 2015-16 में ₹99.37 करोड़ से बढ़कर 2024-25 में ₹3,731.47 करोड़ हो गई है जो 37 गुना वृद्धि है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति केंद्र (एनएसएसएच)
जनवरी से अक्टूबर 2025 के दौरान 19,259 अनुसूचित जाति/जनजाति के उद्यमियों ने एनएसएसएच योजना के विभिन्न घटकों का लाभ उठाया है।
विभिन्न स्थानों पर 111 विशेष विक्रेता विकास कार्यक्रम आयोजित किए गए। ओडिशा के बारीपाड़ा और कोरापुट तथा बिहार के बोधगया में 3 मेगा कॉन्क्लेव आयोजित किए गए।
एमएसएमई चैंपियन योजना की उपलब्धियां
एमएसएमई नवोन्मेषी योजना: 773 मेजबान संस्थानों को स्वीकृति दी गई है। एमएसएमई आइडिया हैकाथॉन 5.0 में 52,369 विचार प्राप्त हुए हैं।
एमएसएमई सस्टेनेबल (जेडईडी): कुल 2,71,373 एमएसएमई पंजीकृत हुए और 1,92,689 उद्यमों को सफलतापूर्वक प्रमाणित किया गया जिनमें 1,89,268 कांस्य, 1,913 रजत और 1,508 स्वर्ण प्रमाण पत्र शामिल हैं।
एमएसएमई प्रतिस्पर्धी (लीन): 32,077 एमएसएमई पंजीकृत हुए, 31,987 ने लीन का संकल्प लिया और 7,394 ने बेसिक लीन सर्टिफिकेशन प्राप्त किया।
नए प्रौद्योगिकी केंद्रों का विस्तार
देश भर में 20 नए प्रौद्योगिकी केंद्र और 100 विस्तार केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। 9 प्रौद्योगिकी केंद्र राष्ट्र को समर्पित किए जा चुके हैं जो भिवाड़ी, विशाखापत्तनम, भोपाल, रोहतक, कानपुर, ग्रेटर नोएडा, बद्दी, इम्फाल और पुडुचेरी में स्थित हैं।
जनवरी से नवंबर 2025 के बीच इन नए प्रशिक्षण केंद्रों ने 1,520 एमएसएमई की सहायता की है और 59,357 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया है।
कौशल विकास और प्रशिक्षण
जनवरी 2025 से 11 दिसंबर 2025 तक उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम के तहत 8,263 कार्यक्रम आयोजित किए गए जिनसे 3,96,706 व्यक्तियों को लाभ हुआ।
राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम के तकनीकी सेवा केंद्रों से जनवरी से नवंबर 2025 की अवधि में 84,386 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया गया है।
पीएम गति शक्ति के साथ एमएसएमई का एकीकरण
मंत्रालय ने पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के साथ डिजिटल नियोजन को संरेखित किया है। आठ विषयगत जीआईएस परतों और 44 उप-परतों में लगभग 1 लाख संपत्तियों का भू-मानचित्रण किया गया है।
यह जेडईडी प्रमाणित एमएसएमई और 93,823 पीएमईजीपी लाभार्थियों तक फैला हुआ है। इससे सटीक साइट चयन, संसाधन आवंटन और बेहतर लाभार्थी लक्ष्यीकरण में मदद मिलेगी।
ऑनलाइन विवाद समाधान (ओडीआर) पोर्टल लॉन्च
27 जून 2025 को भारत के राष्ट्रपति ने एमएसएमई दिवस के अवसर पर ओडीआर पोर्टल का शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य विलंबित भुगतानों की समस्या को कम करना और प्रौद्योगिकी-आधारित विवाद समाधान तंत्र तक पहुंच बढ़ाना है।
यह पोर्टल मामले की फाइलिंग से लेकर अंतिम समाधान तक संपूर्ण डिजिटल प्रक्रिया प्रदान करता है। कम लागत संरचना के कारण छोटे दावों के लिए भी विवाद समाधान आर्थिक रूप से व्यवहार्य है।
एमएसएमई हैकाथॉन 5.0 का शुभारंभ
27 जून 2025 को भारत के राष्ट्रपति द्वारा एमएसएमई हैकाथॉन 5.0 (स्मार्ट और सस्टेनेबल एमएसएमई) का शुभारंभ किया गया। इसका उद्देश्य एमएसएमई द्वारा नवीनतम तकनीकों को अपनाने को प्रोत्साहित करना है।
यह हैकाथॉन 18 से 60 वर्ष की आयु के नवप्रवर्तकों के लिए आयोजित किया गया था और चयनित विचारों के विकास के लिए 15 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करता है। हैकाथॉन में कुल 52,369 विचार प्राप्त हुए हैं।
यशस्विनी अभियान से महिला उद्यमियों को बढ़ावा
27 जून 2024 को शुरू किए गए यशस्विनी अभियान का उद्देश्य 2029 तक उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर लैंगिक समानता प्राप्त करना है।
अभियान के शुभारंभ के बाद से उद्यम और उद्यम असिस्ट पोर्टल पर 12.5 लाख से अधिक महिला स्वामित्व वाले एमएसएमई का पंजीकरण हुआ है। मिजोरम में 27 फरवरी 2025 को आयोजित अभियान से राज्य में लगभग 8,400 महिला स्वामित्व वाले एमएसएमई के पंजीकरण में मदद मिली।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन
मॉरीशस: 10 मार्च 2025 को एमएसएमई क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
थाईलैंड: 3 अप्रैल 2025 को एनएसआईसी और थाईलैंड के ओएसएमईपी के बीच समझौता
स्लोवाकिया: 9 अप्रैल 2025 को एनएसआईसी और स्लोवाक बिजनेस एजेंसी के बीच समझौता
मलेशिया: 16 अक्टूबर 2025 को एनएसआईसी और मलेशिया के एसएमई निगम के बीच समझौता
44वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2025
केंद्रीय एमएसएमई मंत्री ने 17 नवंबर 2025 को आईआईटीएफ-2025 में “एमएसएमई, केवीआईसी, एनएसएसएच और कॉयर पवेलियन” का उद्घाटन किया। इस वर्ष एमएसएमई पवेलियन का विषय “जीवंत एमएसएमई, विकसित भारत” था।
29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के एमएसई और विश्वकर्माओं को कुल 292 स्टॉल आवंटित किए गए। इनमें 67 प्रतिशत से अधिक स्टॉल महिला उद्यमियों को और 34 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति/जनजाति उद्यमियों को आवंटित हुए। 98 प्रतिशत स्टॉल पहली बार भाग लेने वाले सूक्ष्म उद्यमों द्वारा प्रस्तुत किए गए।
एमएसएमई मंत्रालय को ‘भारत को सशक्त बनाना’ श्रेणी में रजत पदक से सम्मानित किया गया।
विशेष अभियान 5.0 की सफलता
2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2025 के दौरान आयोजित विशेष अभियान 5.0 में मंत्रालय ने 7 निर्दिष्ट मापदंडों पर 100 प्रतिशत और अन्य 3 मापदंडों पर 95 प्रतिशत से अधिक उपलब्धि हासिल की।
इस अभियान से अनुपयोगी वस्तुओं के निपटान के माध्यम से ₹22.89 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ और 21,046 वर्ग फुट का उपयोगी कार्यालय स्थल खाली किया गया।
आम जनता पर असर
एमएसएमई मंत्रालय की इन योजनाओं का सीधा असर करोड़ों छोटे कारोबारियों, कारीगरों, शिल्पकारों और ग्रामीण उद्यमियों पर पड़ेगा। नई वर्गीकरण सीमाओं से छोटे व्यापारी अब बड़े पैमाने पर अपना कारोबार बढ़ा सकेंगे और बैंक ऋण तथा सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। 87 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है और महिला उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
मुख्य बातें (Key Points)
- उद्यम पंजीकरण 7.30 करोड़ के पार पहुंचा, एमएसएमई वर्गीकरण में निवेश सीमा 2.5 गुना और कारोबार सीमा 2 गुना बढ़ी
- पीएम विश्वकर्मा योजना में 30 लाख लाभार्थी पंजीकृत, 10.57 लाख टूलकिट वितरित और ₹2,257 करोड़ ऋण स्वीकृत
- खादी-ग्राम उद्योग की बिक्री ₹1.27 लाख करोड़ से अधिक हुई, पीएमईजीपी से 87 लाख लोगों को रोजगार मिला
- ऋण गारंटी योजना ने 25 साल पूरे किए, गारंटी कवरेज ₹10 करोड़ तक बढ़ी और 29.03 लाख गारंटियां स्वीकृत






