हरियाणा, 20 दिसंबर (The News Air): हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला का निधन हो गया। 89 वर्ष की आयु में उन्होंने गुरुग्राम स्थित अपने निवास पर अंतिम सांस ली। ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा के राजनीति में एक प्रमुख नाम थे और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
ओमप्रकाश चौटाला को मिली राजनीतिक विरासत : ओमप्रकाश चौटाला को अपने पिता, चौधरी देवीलाल से राजनीति की विरासत मिली। चौधरी देवीलाल, जिन्हें ताऊ के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय राजनीति के एक महत्त्वपूर्ण नेता थे और वे देश के उप प्रधानमंत्री भी रहे। देवीलाल की पांच संतानों में से ओमप्रकाश चौटाला एक थे। उनके अन्य भाई प्रताप चौटाला, रणजीत सिंह चौटाला और जगदीश चौटाला भी राजनीति में सक्रिय रहे।
जब देवीलाल उप प्रधानमंत्री बने, तब ओमप्रकाश चौटाला ने उनके राजनीतिक मार्गदर्शन को अपनाते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री का पद संभाला। ओमप्रकाश चौटाला 1989 से 1991 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन 1991 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद उनकी राजनीतिक यात्रा में एक ठहराव आ गया। 1999 में उन्होंने बीजेपी के सहयोग से हरियाणा में फिर से सरकार बनाई और 2005 तक मुख्यमंत्री बने। कुल मिलाकर ओमप्रकाश चौटाला चार बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे।
87 साल की उम्र में 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की : ओमप्रकाश चौटाला ने 87 वर्ष की आयु में 10वीं और 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की थी। उन्होंने 2019 में 10वीं की परीक्षा दी थी, लेकिन कुछ कारणों से वह अंग्रेज़ी का पेपर नहीं दे पाए थे, जिससे उनका 12वीं का परिणाम भी रोक दिया गया था। अगस्त 2021 में उन्होंने अंग्रेज़ी का पेपर दिया और उसमें 88% अंक प्राप्त किए, इस प्रकार 87 साल की उम्र में उन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की। यह उनके जीवन की एक प्रेरणादायक घटना है।
ओमप्रकाश चौटाला का पारिवारिक संरचना और राजनीति में परिवार का योगदान : ओमप्रकाश चौटाला के दो बेटे हैं–अजय चौटाला और अभय चौटाला। अजय और अभय दोनों ही राजनीति में सक्रिय हैं और हरियाणा की राजनीति में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान है। अजय चौटाला के दो बेटे हैं–दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला, जो दोनों राजनीति में हैं। वहीं, अभय चौटाला के दो बेटे हैं–कर्ण चौटाला और अर्जुन चौटाला, जो भी राजनीति में सक्रिय हैं। चौटाला परिवार का राजनीति में एक मज़बूत प्रभाव रहा है और उनका योगदान हरियाणा की राजनीति में महत्त्वपूर्ण रहेगा।
ओमप्रकाश चौटाला का निधन हरियाणा की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, नेतृत्व और राजनीति के प्रति अपने समर्पण से हरियाणा के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। उनका पारिवारिक और राजनीतिक संघर्ष आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।