भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 23 दिसंबर को खत्म हुए हफ्ते में 69.1 करोड़ डॉलर घटकर 562.808 अरब डॉलर पर गया। इसके साथ ही यह लगातार दूसरा हफ्ता देश का विदेशी मुद्रा भंडार घटा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार 30 दिसंबर को जारी आंकडों में यह जानकारी दी। इसके पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार बीते 5 हफ्तों से जारी बढ़त के सिलसिले को तोड़ते हुए 57.1 करोड़ डॉलर की गिरकर रहा था और यह 563.499 अरब पर रहा था। अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर उच्च स्तर पर पहुंच गया था। इसके बाद से रिजर्व बैंक ने भारतीय रुपये की वैल्यू में गिरावट रोकने के लिए अमेरिकी डॉलर बेचे थे, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई थी।
फॉरेन करेंसी एसेट्स 1.1 अरब डॉलर घटा
विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम हिस्सा फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) होता है। 23 सितंबर को खत्म हुए हिस्से में 1.134 अरब डॉलर घटकर 498.49 अरब डॉलर रहा। फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) की वैल्यू डॉलर के संदर्भ में ली जाती है और यह यूरो, पाउंड और जापानी येन सहित अन्य विदेशी मुद्राओं की वैल्यू में गिरावट या मजबूती से प्रभावित होता है।
देश का गोल्ड रिजर्व 39 करोड़ डॉलर
इस बीच भारत का गोल्ड रिजर्व करीब 39 करोड़ डॉलर बढ़कर 40.969 अरब डॉलर रहा। वहीं स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDRs) करीब 80 लाख डॉलर बढ़कर 18.19 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) के पास देश का रखा रिजर्व इस हफ्ते 4.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.159 अरब डॉलर रहा।
नवंबर में वित्तीय घाटा बजट अनुमान का 59% रहा
केंद्र सरकार का वित्तीय घाटा (Fiscal Deficit) मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों (अप्रैल-नवंबर 2022) में 9.78 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पूरे साल के बजट अनुमान का करीब 58.9 फीसदी है। कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स (कैग) ने शुक्रवार 30 दिसंबर को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी।
पिछले वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों में वित्तीय घाटा, बजट अनुमान का 46.2 फीसदी रहा था। सरकार ने 2022-23 के लिए वित्तीय घाटे को 16.61 लाख करोड़ रुपये यानी जीडीपी का 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा है। बता दें कि वित्तीय घाटे को राजकोषीय घाटा भी कहा जाता है। यह सरकार के कुल खर्च और उधारी को छोड़ कुल कमाई के बीच का अंतर होता है।