उत्तराखंड, 3 मई (The News Air) उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में आग थमने का नाम नहीं ले रही है. जंगल में लगी इस आग में एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि 4 नेपाली मजदूर आग की चपेट में आने से झुलस गए. कुमाऊं में लगी आग ज्यादा विकराल रूप ले रही है. आए दिन आग से होने वाली घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. जंगल में लगी आग को बुझाने के लिए 2 महिला और 2 पुरुष श्रमिक गए.
जंगल में लगी आग की चपेट में आने से तीन घर बुरी तरह झुलस गए. यह सभी घर पिथौरागढ़, चंपावत और बागेश्वर क्षेत्र के थे. हालांकि इन सभी घरों में आग लगने से किसी तरह की हानि नहीं हुई क्योंकि यह सभी घर लंबे समय से खाली पड़े थे.
एक हजार हेक्टेयर से भी ज्यादा हिस्सा जल गया
लंबे समय से उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग के कारण एक हेक्टेयर से भी ज्यादा हिस्सा जल चुका है. इस भीषण आग की हालत बेकाबू होती जा रही है. राज्य में 24 घंटे में 40 से ज्यादा घटनाएं घटित हो चुकी हैं. इस साल पिछले साल की तुलना में ज्यादा आग लगी हुई है. कुमाऊं में आग की घटनाएं ज्यादा संख्या में हो रही हैं, जबकि गढ़वाल में कुमाऊं की तुलना में आग की घटनाएं कम हो रही हैं. पिछले फायर सीजन की तुलना में यह साल राज्य के लिए काफी परेशानी भरा है.
जंगल में काफी समय से लगी आग के कारण काफी नुकसान पहुंचा है. चम्पावत, बाराकोट और लोहाघाट में लगी आग अब गेस्ट हाउस की तरफ बढ़ रही है. जंगल की यह आग कनारीछीना, लमगड़ा, कोसी, सोमेश्वर, कालीमठ के क्षेत्रों में भी लगी हुई है.
गर्मी के दिनों में जंगल में आग लगने की घटनाएं आम हैं. गर्म और तेज चलने वाली लू और हवाओं के कारण भी आग लगने की घटनाएं होती हैं. ज्यादा समय तक बारिश नहीं होने से भी जंगल में आग लगती है.