16 टेलीस्कोप ने मिलकर पृथ्वी के आकार का एक डिश बनाया, जो एक सिंगल टेलीस्कोप के रूप में काम कर रहा था। इस वजह से ब्लैक होल से निकलते जेट को देखना मुमकिन हो पाया। गौरतलब है कि ब्लैक होल हमारे ब्रह्मांड के वो घने इलाके हैं, जहां इतना अधिक गुरुत्वाकर्षण होता है कि सूर्य का प्रकाश भी उसमें खो जाता है।
जब कोई पदार्थ जैसे- गैस या धूल, ब्लैक होल में गिरती है, तो वह उसके चारों ओर एक डिस्क बना देती है। बहुत अधिक गर्म होने पर वह डिस्क पावरफुल रेडिएशन उत्सर्जित करती है। इनका पता लगाया जाता है पृथ्वी पर मौजूद टेलीस्कोपों से। वैज्ञानिकों ने जिस ब्लैक होल से जेट निकलता हुआ देखा, वह उसका द्रव्यमान हमारे सूर्य के द्रव्यमान का 6.5 अरब गुना है। यह आकाशगंगा हमारी मिल्की-वे (Milky Way) से बड़ी और अधिक चमकदार है।
गौरतलब है कि सभी ब्लैक होल्स से पावरफुल जेट निकलते हैं। वैज्ञानिक स्टडी कर रहे हैं कि जेट का निर्माण कैसे होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि जेट को और गहराई से समझने के लिए उन्हें ब्लैक होल को और करीब से देखने की जरूरत है।
पिछले महीने जब वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल की ज्यादा स्पष्ट तस्वीर दिखाई, तो उसे मुमकिन बनाने के लिए मशीन-लर्निंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। इस तकनीक में वैज्ञानिकों ने उन गैप्स को भरा, जिसका डेटा उन्हें नहीं मिला था।






