Drug Trafficking Allegations Against MP : ड्रग तस्करी (Drug Trafficking) मामले में फरीदकोट (Faridkot) से सांसद सरबजीत सिंह खालसा (Sarabjeet Singh Khalsa) ने दावा किया है कि उन पर एफआईआर (FIR) दर्ज करने की साजिश रची जा रही है। एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल को दमदमा साहिब (Damdama Sahib) में हुई उनकी रैली के अगले ही दिन पंजाब पुलिस (Punjab Police) के दो अधिकारियों ने उन्हें फोन किया। उन्होंने यह भी बताया कि वह इस बात की गवाही देने के लिए गुरुद्वारा साहिब जाने को भी तैयार हैं।
खालसा ने कहा कि जिन दो अधिकारियों ने फोन किया, उनमें से एक डीएसपी (DSP) स्तर का अधिकारी है और दूसरा इंटेलिजेंस विभाग (Intelligence Wing) से जुड़ा हुआ है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब एक नहीं बल्कि दो अधिकारियों के फोन आए हैं तो यह संयोग नहीं, बल्कि एक रणनीति हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह उन्हें बदनाम करने की योजना है, जैसा पहले अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) के साथ हुआ था।
आम आदमी पार्टी (AAP) की तरफ से इन आरोपों को बेबुनियाद बताया गया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि सरकार की नशा विरोधी मुहिम पूरी गंभीरता से चल रही है और अगर किसी पर भी संलिप्तता पाई जाती है तो कार्रवाई निश्चित है।
NDPS केस में सरकार की मंजूरी की जरूरत नहीं होती
सांसद खालसा ने बताया कि यदि किसी सांसद पर कोई केस दर्ज करना हो तो इसके लिए लोकसभा स्पीकर (Lok Sabha Speaker) की अनुमति लेना अनिवार्य होता है। लेकिन NDPS (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances) Act के अंतर्गत केस दर्ज करने के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने चिंता जताई कि इसी प्रावधान का इस्तेमाल कर उन पर केस दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार ही उन्हें फंसा रही है, तो उन्होंने स्पष्ट नहीं कहा लेकिन इशारों में बताया कि “जो लोग पुलिस के पीछे हैं, उन्हें हमसे डर लगता है।”
अमृतपाल को मुख्यमंत्री बनाने की अपील बनी वजह?
13 अप्रैल को बैसाखी (Baisakhi) के अवसर पर खडूर साहिब (Khadoor Sahib) के सांसद अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) के परिवार और सांसद खालसा की ओर से तख्त श्री दमदमा साहिब (Takht Sri Damdama Sahib) में धार्मिक मंच लगाया गया था। इस दौरान सांसद खालसा ने मंच से लोगों से आह्वान किया था कि 2027 में अमृतपाल को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया जाए। इसके साथ ही उन्होंने मंच से आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान (Chief Minister Bhagwant Mann) पर भी तीखा हमला बोला था।
अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या खालसा की यह अपील ही उनके खिलाफ शुरू हुई कार्रवाई की वजह बन रही है? क्या यह राजनीतिक बदले की तैयारी है या एक सटीक जांच? आने वाले दिनों में इसकी सच्चाई सामने आ सकती है।