The News Air- (चंडीगढ़) किसान आंदोलन के दौरान जब पंजाब में भारतीय जनता पार्टी का विरोध चर्म पर था, उस वक़्त हर कोई पार्टी के साथ चलने से बच रहा था, ताकि उन्हें किसानों के विरोध का शिकार न होना पड़ा। लेकिन कहते हैं कि ‘सब दिन होत न एक समाना’, किसान आंदोलन ख़त्म हुआ तो पंजाब में भाजपा के हालात भी ठीक हुए। जब भाजपा ने धमाकेदार तरीक़े से पंजाब में एंट्री की तो साथ चलने से बचने वाले भी अपने आप को वफ़ादार सिपाही बताने लगे हैं। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 4028 लोगों ने पार्टी को आवेदन किया है।
जितनी संख्या में टिकट के लिए आवेदन आए हैं, उन्हें देखकर पार्टी के उच्च पदस्थ नेता भी हैरान हैं। उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि पंजाब में किसानों के विरोध के बावज़ूद इतने लोग टिकट के लिए आवेदन करेंगे। अधिकतर आवेदन कार्यसमिति के सदस्यों, ज़िला अध्यक्षों के माध्यम से पंजाब के संगठन के पास पहुंचे हैं। जबकि बहुत सारे ऐसे भी हैं, जिन्होंने सीधे आवेदन किया है। सबसे ज़्यादा आवेदन पंजाब की हिंदु बहुल बेल्ट दोआबा, माझा, पुआद और शहरी क्षेत्रों से आए हैं। जबकि सबसे कम आवेदन बठिंडा से प्राप्त हुए हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, जालंधर, लुधियाना, अमृतसर, पटियाला, होशियारपुर, पठानकोट, मोहाली से आवेदन मिले हैं। चूंकि शहरी क्षेत्रों में हिंदू ज़्यादा हैं और इन शहरों में भाजपा का कहीं न कहीं आधार भी है। इसलिए इन शहरों से टिकट के ज़्यादा तलबगार सामने आए हैं। अभी तक तो यह वे हैं, जिन्होंने ख़ुद टिकट के लिए आवेदन किया है। वे अलग हैं, जिन्हें पार्टी ख़ुद चुनावी दंगल में उतारने के लिए दूसरी पार्टियों से तोड़कर लाई है।
संगठन करेगा छँटनी, फिर आला कमान को भेजेगा सूची
भाजपा नेताओं ने बताया कि आवेदनों की पहले छँटनी की जाएगी। इसके बाद जो नाम बचेंगे, उनकी सूची आला कमान के पास भेजी जाएगी। राज्य के स्तर पर पंजाब चुनाव प्रभारी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष, क्षेत्रीय संगठन मंत्री, राज्य संगठन मंत्री और प्रांत संघ प्रचारक समेत कुछ वरिष्ठ नेताओं का एक पैनल चर्चा के बाद एक सूची तैयार करेगा। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर अध्यक्ष और गठबंधन के नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह, भाजपा के पंजाब प्रभारी, भाजपा चुनाव प्रभारी टिकटों पर फ़ैसला लेंगे।
कई तो भाजपा में आए ही टिकट के लिए हैं
भाजपा में दूसरे दलों से आने वाले नेताओं का तांता लगा हुआ है। इनमें से ज़्यादातर अपनी पार्टी को इसलिए छोड़ कर नहीं आ रहे कि वहाँ रचनात्मकता नहीं रह गई थी या फिर वह डूबता जहाज़ था या उनकी वहाँ पर कोई पूछ पड़ताल नहीं थी। बल्कि इसलिए आ रहे हैं कि भाजपा ने पंजाब में एंट्री की है और एंट्री के साथ ही भाजपा अपने दम पर पंजाब में चुनाव लड़ने के लिए उतरी है। ऐसे में उन्हें पार्टी का टिकट लेने में कोई परेशानी नहीं होगी। लेकिन जिस तरह से टिकट के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं, उससे ऐसे नेताओं के मंसूबों पर पानी फिरता हुआ नज़र आ रहा है।