नई दिल्ली, 04 जनवरी (The News Air) आज पटना के श्रीकृष्ण नगर स्थित शाकुंतलम सभागार में संयुक्त किसान मोर्चा, बिहार की राज्यस्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक का एजेंडा संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में बिहार में चले गतिविधियों व कार्यक्रमों की समीक्षा और किसान और कृषि सम्बंधी समस्याओं पर विचार था। बैठक की अध्यक्षता राम चन्द्र महतो और रामबॄक्ष राम ने की।
11-12 दिसंबर को कोलकाता में आयोजित संयुक्त किसान मोर्चा पूर्वी राज्य की बैठक ने देश भर के किसानों से 11 फरवरी 2025 को महान आदिवासी क्रांतिकारी तिलका माझी की 275वीं जयंती को सरकार द्वारा प्राकृतिक संसाधनों – जल, जंगल, जमीन और खनिज – के कॉर्पोरेट अधिग्रहण और कॉर्पोरेट संचालित परियोजनाओं के लिए आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल करने के खिलाफ और भूमि अधिग्रहण पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम 2013 के कार्यान्वयन की मांग के लिए ‘किसान भूमि अधिकार दिवस’ के रूप में मनाने का आह्वान किया था।
जैसा कि सर्वविदित है, बक्सर जिला के चौसा प्रखंड में सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा निर्मित कोयला बिजली संयंत्र के लिए किसानों से 1064 एकड़ भूमि अधिग्रहण किया है। हालांकि, इस प्रक्रिया में भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार कानून, 2013 का कहीं पालन नहीं किया गया है। इसके अलावा रेल कॉरिडोर और वॉटर पाइपलाइन परियोजना के लिए किसानों से 250 एकड़ भूमि अधिग्रहण की जा रही है। इसी तरह, बिहार में अनेकों परियोजनाओं के नाम पर किसानों की उपजाऊ जमीन का बिना उचित मुआवजा का भुगतान किए अधिग्रहण किया जा रहा है। भारत माला सड़क परियोजना के तहत आमस (गया) से जयनगर (मधुबनी) तक प्रस्तावित सड़क परियोजना के नाम पर कृषि भूमि का जबरन अधिग्रहण किया जा रहा है। भूमि को लेकर गया, रोहतास, कैमूर, कजरा, जमालपुर, औरंगाबाद, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, फतुहा, बख्तियारपुर, बिहटा, कोइलवर, बबुरा, बेगूसराय, पूर्वी चम्पारण, नालंदा तक के किसानों की सरकारी-गैरसरकारी योजनाओं के नाम पर लूट जारी है।
इस संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा ने 11 फरवरी 2025 को जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसान महापंचायत का आह्वान किया। संयुक्त किसान मोर्चा राज्य में सरकारी और गैर-सरकारी योजनाओं के नाम जबरन भूमि अधिग्रहण, किसानों पर दमन, और किसानों और आदिवासियों को उनके जमीन से बेदखल करने के खिलाफ लम्बे समय से आवाज उठाता रहा है। इस संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 जून 2024 को पटना में एक दमन विरोधी मार्च का आयोजन किया था और मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन पत्र सौंपा था। इसके अलावा 4 सितंबर को बक्सर में भी एक प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया गया था।
इसके अलावा आज की बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा ने 25 मार्च को पटना में राज्य सम्मेलन का निर्णय लिया। यह सम्मेलन बिहार के सभी किसानों के मुद्दों और संघर्षों को एकजुट कर राज्य में व्यापक किसान आंदोलन खड़ा करने की दिशा में एक निर्णायक कदम होगा।
बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा ने राज्य में खाद की कालाबाजारी और धान की खरीद में धांधली का संज्ञान लिया और राज्य सरकार से कार्रवाई करने की मांग की। संयुक्त किसान मोर्चा ने बीपीएससी परिक्षार्थियों पर दमन की निंदा की और बीपीएससी परिक्षा पुनः करवाने की मांग की।
बैठक में अखिल भारतीय किसान महासभा से उमेश सिंह, राजेन्द्र पटेल, और कॄपानारायण सिंह, बिहार राज्य किसान सभा (जमाल रोड) से विनोद कुमार और सोनालाल प्रसाद, बिहार राज्य किसान सभा (अजय भवन) से रामचंद्र महतो और रविन्द्रनाथ राय, अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा से नन्द किशोर सिंह और अशोक बैठा, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन से इन्द्रदेव राय, अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा से रामबॄक्ष राम और रामचन्द्र सिंह, क्रांतिकारी किसान यूनियन से मनोज कुमार एवं संजय श्याम, जय किसान आंदोलन से ऋषि आनंद, भारतीय किसान मजदूर विकास संगठन से अनिल कुमार सिंह, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय से उदयन राय, बिहार किसान समिति से पुकार, प्रगतिशील किसान संघ से राम चन्द्र आजाद, उत्तर कोयल नहर किसान संघर्ष मोर्चा से बालेश्वर प्रसाद यादव और नन्द लाल सिंह, भारत माला सड़क परियोजना प्रभावित किसान मोर्चा से मनीष कुमार और धर्मवीर कुमार, जसवा से मणिलाल, किसान-मजदूर-नौजवान मोर्चा से कल्लु सिंह, किसान मजदूर विकास संगठन से सत्य सागर आर्य, किसान नेता सुरेश प्रसाद और जनक देव सिंह उपस्थित थे।