The News Air- (चंडीगढ़) दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर केंद्र सरकार को बैकफुट पर लाने वाले किसान पंजाब की सियासत में कूद गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा रहे पंजाब के 32 में से 25 संगठनों ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। जिसके बाद बचे 7 संगठनों ने इसका विरोध कर दिया है। इससे पंजाब में संयुक्त किसान मोर्चा दो फाड़ हो गया है।
वहीं, भाजपा नेताओं ने कहा कि वह पहले ही कह रहे थे कि किसान राजनीति कर रहे हैं। कृषि क़ानून को वापसी का किसान का मुद्दा था ही नहीं। भाजपा नेता सुरजीत ज्याणी ने कहा कि किसान संगठन सिर्फ़ मूंछ का सवाल लेकर अड़े रहे। कृषि क़ानून वापस लेने से किसानों का कोई भला नहीं हुआ।
SKM की सफ़ाई, हम चुनाव नहीं लड़ रहे, नाम यूज़ न करें
पंजाब के किसान संगठनों की घोषणा से पहले ही संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने साफ़ कर दिया है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने चुनाव लड़ने वाले किसान नेताओं को भी कहा कि वह संयुक्त किसान मोर्चा के नाम का इस्तेमाल न करें। यह जानकारी मोर्चे की 9 मेंबरी कोआर्डिनेशन कमेटी और पंजाब के किसान नेता दर्शन पाल और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कही। उन्होंने कहा कि SKM देश भर के 400 से ज़्यादा संगठनों का मोर्चा है। उन्होंने कहा कि मोर्चे की 15 जनवरी को फिर मीटिंग है, जिसमें बाकी मांगों को लेकर चर्चा होगी।
यह किसान संगठन चुनाव के विरोध में
पंजाब के 32 में से डॉ. दर्शन पाल की क्रांतिकारी किसान यूनियन, सुरजीत फूल की BKU क्रांतिकारी, जगजीत डल्लेवाल की BKU सिद्धुपुर, हरपाल संघा की आज़ाद किसान कमेटी दोआबा, गुरुबख्श बरनाला की जय किसान आंदोलन, सुखपाल की दसूहा गन्ना संघर्ष कमेटी, इंद्रजीत कोटबुधा की किसान संघर्ष कमेटी पंजाब, बलदेव सिरसा की लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसाइटी और हरदेव संधू की कीर्ति किसान यूनियन शामिल है।
आंदोलन में अरबों रुपया फ़ंड इकट्ठा हुआ, उससे लड़ रहे चुनाव : वल्टोहा
अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि किसान आंदोलन में अरबों रुपया इकट्ठा हुआ है। उसी की वजह से किसान नेता चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन में पंजाब और NRI से जो फ़ंड इकट्ठा किया गया, वह कहां गया?, इसका हिसाब मांगा जाएगा। उन्होंने कहा कि हम हम किसान नेताओं को घेरकर पूछेंगे कि आंदोलन में आए पैसे का हिसाब दो। उन्होंने कहा कि आंदोलन में सिर्फ़ 6 करोड़ आने की बात कही जा रही, उसमें भी 5 करोड़ ख़र्चे की बात कही जा रही है। किसान नेता बताएं कि यह पैसा कहां ख़र्च किया गया।