The News Air- (नई दिल्ली) सिंघु बॉर्डर पर पांच दिन बाद किसान आंदोलन को एक साल हो जाएगा। इस दौरान किसानों के जत्थे दिल्ली सीमा पर पहुंचने शुरू हो गए हैं। साथ में किसानों से जुड़े झंडों, ज़ेब पर लगाने के बिल्ले, बैग आदि की डिमांड भी एकाएक बढ़ गई है। सालाना उत्सव की तैयारी ज़ोरों पर है। 26 नवंबर को आंदोलन का एक साल पूरा होने पर ख़ास पकवान बनाने की प्लानिंग भी लंगरों में चल रही है।
किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने पर दिल्ली सीमा पर 26 नवंबर को भीड़ जुटाने के प्रयासों में लगे पंजाब और हरियाणा के किसान नेताओं को कृषि क़ानून वापसी के पीएम के बयान से संजीवनी मिली है। जीत को पास देखकर किसानों के जत्थे अभी से पहुंचने शुरू हो गए हैं। किसानों के साथ नेताओं की सोच भी यही है कि एक बार फिर ताक़त दिखाने की ज़रूरत है, ताकि केंद्र पर दबाव कुछ ओर बढ़े।
आंदोलन के सामान के स्टालों पर भीड़
बॉर्डर पर आंदोलन स्थल में किसानों के लिए हर प्रकार का सामान उपलब्ध है। अब किसानों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए यहां आंदोलन से जुड़े झंडों, बल्लों, किसान लिखे बैग, टी-शर्ट आदि के स्टालों की संख्या भी बढ़ गई है। जालंधर से आई समरजीत कौर ने कहा कि ये उनके लिए नया है। ख़ुद कॉलेज में किसान आंदोलन का बिल्ला लगाकर जाएंगी।
चाय के साथ सूप बनेगा
26 नवंबर को हरियाणा के किसानों के लंगरों में जहां खीर, हलवा आदि बनाने पर ज़ोर रहेगा, वहीं पंजाब के लंगरों में भी गाजर हलवा, जलेबी और कई अन्य प्रकार के पकवान बनाने की तैयारी है। चाय का लंगर चला रहे संतोष सिंह ने कहा कि 26 को स्पेशल सूप बनाया। कृषि क़ानून वापस होने की घोषणा वाले दिन भी सूप बना था।
लंगरों में भीड़, बढ़ी सप्लाई
सिंघु बॉर्डर पर अब किसानों के जत्थे लगातार पहुंच रहे हैं। कुछ समय पहले तक जो झोपड़ियां ख़ाली थी, वे फिर से आबाद होने लगी हैं। खाना खाने वालों की बढ़ती संख्या को देख यहां सुबह शाम दूध की सप्लाई के साथ अन्य ज़रूरी सामान की सप्लाई भी बढ़ा दी गई है। लंगरों में 26 नवंबर की भीड़ को देखते हुए कई अन्य प्रकार की व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
साफ़ सफ़ाई पर भी ज़ोर
सिंघु बॉर्डर पर पूरे आंदोलन स्थल क्षेत्र की सफ़ाई पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। रविवार को यहां सड़कों को पानी के साथ धोया गया। सफ़ाई के लिए स्पेशल अभियान चलाया गया। इसके लिए टैंकरों से पानी लाया गया। महिलाओं के साथ पुरुषों ने भी सफ़ाई अभियान में सहयोग किया। मंच को गुरु पर्व के मौक़े पर ही ख़ास तरीक़े से सजाया जा चुका है।