Jaggi Singh Dallewal in Critical Condition: खनौरी बॉर्डर (Khanouri Border) पर संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) और किसान मजदूर मोर्चा (Kisan Mazdoor Morcha) की तरफ से 12 प्रमुख मांगों को लेकर मरणव्रत पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjeet Singh Dallewal) की स्थिति गंभीर बनी हुई है। उनकी नाजुक हालत की रिपोर्ट केंद्र तक पहुंच चुकी है, जिसके बाद शनिवार को एग्रीकल्चर मिनिस्ट्री ऑफ इंडिया के संयुक्त सचिव प्रिय रंजन (Priya Ranjan) और उनकी टीम, जिनके साथ पटियाला (Patiala) के सीनियर पुलिस अफसर और प्रशासनिक अधिकारी भी थे, डल्लेवाल से मिलने पहुंचे।
किसान नेता डल्लेवाल की अपील के बाद शुरू हुई चिकित्सा सहायता : प्रिय रंजन और अधिकारियों के साथ मुलाकात के बाद डल्लेवाल को मैडीकल ट्रीटमेंट (Medical Treatment) लेने के लिए कहा गया और इसके बाद 14 फरवरी (14th February) को बैठक का प्रस्ताव दिया गया, जिसमें केंद्र और पंजाब सरकार के मंत्री शामिल होंगे। किसान नेताओं की अपील और केंद्रीय अधिकारियों की विनती के बाद, डल्लेवाल ने मेडिकल ट्रीटमेंट लेने पर सहमति जताई। देर रात उन्हें ड्रिप (IV drip) दिया गया और चिकित्सा सहायता शुरू कर दी गई है।
किसान नेताओं की ओर से चेतावनी: आमरण अनशन की धमकी : हालांकि, डल्लेवाल ने साफ तौर पर कहा है कि वह अपनी स्वास्थ्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए मैडीकल ट्रीटमेंट लेंगें, लेकिन वह अपना आमरण अनशन (Fast unto death) जारी रखेंगे और अन्न का एक भी दाना नहीं खाएंगे। इससे पहले, किसान नेताओं ने कहा था कि अगर डल्लेवाल ने अपील स्वीकार नहीं की तो सभी किसान रोटी-पानी छोड़कर उनकी ट्रॉली के चारों ओर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।
कृषि मंत्रालय और पंजाब पुलिस की पहल से बढ़ी उम्मीदें : केंद्रीय कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) के संयुक्त सचिव प्रिय रंजन, पंजाब पुलिस के पूर्व डी.आई.जी. (DIG) नरेंद्र भार्गव और पूर्व ए.डी.जी.पी. (ADGP) जसकरण सिंह ने खनौरी बॉर्डर (Khanouri Border) पर पहुंचकर डल्लेवाल का हाल-चाल जाना और किसानों से बातचीत की। इस बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने 14 फरवरी को चंडीगढ़ (Chandigarh) के महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (Mahatma Gandhi State Institute of Public Administration) में बैठक करने पर सहमति जताई। इस बैठक में केंद्र और पंजाब सरकार के मंत्री भी शामिल होंगे।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की नाजुक स्थिति और उनके आमरण अनशन ने एक बार फिर केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच बातचीत की जरूरत को सामने ला दिया है। इस गंभीर स्थिति में मेडिकल ट्रीटमेंट के बाद भी उनका आमरण अनशन जारी रखने का निर्णय उनके हौसले को दिखाता है। क्या सरकार और किसान नेताओं के बीच आगामी बैठक में समाधान निकलेगा, यह देखने वाली बात होगी।