चंडीगढ़, 12 जुलाई (The News Air)
भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni) ने किसान संगठनों के बीच आगामी 2022 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2021) लड़ने का प्रस्ताव रख दिया है। चुनाव लड़ने का प्रस्ताव देने के बाद 4 दिन बाद गुरनाम सिंह चढूनी पंजाब के गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक (Dera Baba Nanak) से दिल्ली स्थित सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) तक के लिए सैकड़ों कारों के क़ाफिले की अध्यक्षता कर रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में चढूनी ने कहा, ‘मिशन पंजाब एक विचार है, जिसे मैंने लोगों के बीच रखा है। बाकी चीज़ें लोगों पर निर्भर करती हैं। यह अच्छी बात है कि लोग इस आइडिया को स्वीकार कर रहे हैं और सकारात्मक अंदाज़ में ले रहे हैं। बहुत से लोग हैं, जो चुनाव लड़ने के योग्य हैं। अब समय आ गया है कि राजनीतिक सिस्टम को बदला जाए और ‘जनता द्वारा, जनता के लिए और जनता का शासन’ के विचार को साकार किया जाए, जोकि बहुत वर्षों से ‘कार्पोरेट द्वारा, कॉरपोरेट्स के लिए और कार्पोरेट का शासन’ हो गया है।’
गुरनाम चढूनी ने पिछले बुधवार को एक वीडियो के ज़रिए बयान में मिशन पंजाब का प्रस्ताव रखा था, जिसे संयुक्त किसान मोर्चा ने खारिज कर दिया था। संयुक्त किसान मोर्चा किसान संगठनों का एक अंब्रेला संगठन है, जिसके तहत कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने भारतीय किसान यूनियन के नेता के बयान को निजी विचार क़रार दिया है। गुरनाम चढूनी ने कहा, ‘हम कहते हैं कि हम व्यवस्था में बदलाव लाएंगे, परन्तु हम इस बारे में नहीं सोचते कि इसे साकार करने के लिए क्या करना होगा। भाजपा और कांग्रेस व्यवस्था बदलने में नाकाम साबित हुई है और बदलाव के लिए हम किससे उम्मीद करें? अगर हम बदलाव चाहते हैं तो हमें एक योजना बनानी होगी और यह योजना मिशन पंजाब होना चाहिए।’
किसान नेता गुरनाम चढूनी की रैली का बटाला, धारीवाल, गुरदासपुर, मुकेरियां और किशनगढ़ में स्थानीय लोगों ने ज़ोरदार नारों के साथ स्वागत किया। इन शहरों के अन्य हिस्सों में भी रैली और रोड शो का लोगों ने बड़े उत्साह के साथ स्वागत किया। लुधियाना में डाइंग एसोशिएसन, घुमार मंडी मार्केट एसोशिएसन, एसी मार्केट एसोशिएसन और अन्य इंडस्ट्री समूह के लोगों ने सिंघु बॉर्डर जा रहे किसानों के क़ाफिले को अपना समर्थन दिया।
डेरा बाबा नानक में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए गुरनाम चढूनी ने कहा, “हम उन लोगों को वोट क्यों दें, जो सिर्फ़ 3 प्रतिशत लोगों (पूंजीवादियों) के लिए काम करते हैं। यही वजह है कि मैं लोगों से कह रहा हूं कि आप चुनाव लड़िए। मैं पंजाब के लोगों से इस अभियान में जुड़ने के लिए कह रहा हूं। हमारे बीच ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जो चुनाव लड़ सकते हैं.”
दूसरी तरफ़ संयुक्त किसान मोर्चा ने ज़ोर देकर कहा है कि किसान आंदोलन और राजनीति एक साथ नहीं चल सकती। संयुक्त किसान मोर्चा के दर्शन पाल ने कहा, “मिशन पंजाब की चर्चा से मोर्चा में दरार पड़ रही है। इसलिए ज़रूरत है कि हम कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ लड़ाई पर फोक्स करें। लोग हमसे मिशन पंजाब के बारे में पूछ रहे हैं। चुनाव लड़ना हमारा एजेंडा नहीं रहा है और यह कभी होगा भी नहीं। चढूनी को अपने आइडिया के बारे में पहले हमसे बात करनी चाहिए थी, बाद में जनता के बीच जाना चाहिए था। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली में 13 और 14 जुलाई को अपनी मीटिंग में इस पर विस्तार से अपनी बात रखेगा। “