नई दिल्ली, 03 जनवरी (The News Air): महिला उद्यमिता मंच (डब्ल्यूईपी) और मीरा भयंदर नगर निगम (एमबीएमसी) ने ‘फराल सखी’ पहल के माध्यम से महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने का बड़ा कदम उठाया है। इस पहल का उद्देश्य पारंपरिक त्योहार स्नैक्स (‘फराल’) के उत्पादन और बिक्री में महिलाओं को सशक्त बनाना है।
‘फराल सखी’ पहल के तहत, महिलाओं को पेशेवर प्रशिक्षण, आवश्यक कौशल और उद्यमिता के लिए समर्थन प्रदान किया जाएगा। एमबीएमसी ने इस पहल के तहत एक केंद्रीय रसोई की स्थापना की है, जहां स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं को उच्च गुणवत्ता वाले पारंपरिक स्नैक्स तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
डब्ल्यूईपी और एमबीएमसी की साझेदारी: डब्ल्यूईपी ने 2022 में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के रूप में एक नई दिशा ली। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को वित्त, प्रशिक्षण, बाजार संपर्क और कानूनी सहायता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहायता प्रदान करना है। ‘फराल सखी’ पहल का शुभारंभ डब्ल्यूईपी की ‘अवार्ड टू रिवार्ड’ पहल के तहत किया गया।
मीरा भयंदर में इस परियोजना के तहत दिवाली के दौरान 3 टन से अधिक स्नैक्स की बिक्री हुई, जिसने इस पहल की सफलता को रेखांकित किया। एमबीएमसी ने महिलाओं को उनके उत्पादों के लिए बाजार और विज्ञापन की सुविधा प्रदान की।
महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष प्रशिक्षण: मीरा भयंदर की 25 महिलाओं को व्यवसाय संचालन और उद्यमिता के लिए तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण सीईजीपी फाउंडेशन द्वारा संचालित किया जाएगा, जो उन्हें स्थायी उद्योग स्थापित करने और स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान देने में सक्षम बनाएगा।
महिला उद्यमिता को नया आयाम: डब्ल्यूईपी की प्रमुख आर्थिक सलाहकार सुश्री अन्ना रॉय ने कहा, “महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को प्रोत्साहन देना महत्वपूर्ण है। ‘फराल सखी’ पहल न केवल उद्यमिता को प्रोत्साहन देगी, बल्कि सामाजिक और आर्थिक बदलाव को भी प्रेरित करेगी।”
मीरा भयंदर नगर निगम के नगर आयुक्त श्री संजय काटकर ने कहा, “यह पहल महिला उद्यमियों को प्रेरित और सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। इससे मीरा भयंदर की महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और स्थायी उद्योगों का नेतृत्व करेंगी।”
उज्ज्वल भविष्य की ओर: डब्ल्यूईपी और एमबीएमसी की इस पहल का उद्देश्य महिला उद्यमियों के लिए घरेलू बाजारों में सफलता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके व्यवसायों का विस्तार करना है। यह कदम महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्योगों के लिए एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने में सहायक होगा।