The News Air – (चंडीगढ़) पंजाब में संगठन के साथ सरकार में भी सिद्धू ही ‘सरदार’ हैं। इसकी बड़ी वजह सरकार से लेकर कांग्रेस हाईकमान तक का नवजोत सिद्धू के आगे झुकना है। सिद्धू ने पहले एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल को हटवाया। इसके बाद अब इक़बाल प्रीत सहोता को भी हटवा दिया। यही नहीं, सिद्धू ने अपनी पसंद के एडवोकेट डीएस पटवालिया को AG और सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को DGP भी लगवा दिया।
हालांकि चुनाव से पहले CM चरणजीत चन्नी सिद्धू ताबड़तोड़ झटके दे रहे हैं। वह पहले AG और फिर DGP की नियुक्ति को लेकर अड़े रहे, लेकिन अंत में सिद्धू उन पर भारी पड़े। ख़ासकर, DGP के मामले में तो वह UPSC के पैनल भेजने के लिए 4 दिन बाद बुलाई मीटिंग तक नहीं ठहर सके।
सिद्धू की ताक़त ही बनी कांग्रेस की मुसीबत
कांग्रेस ने सिद्धू को जिन तीखे शब्दों की वजह से पंजाब कांग्रेस का प्रधान तक बना दिया, वही पार्टी की डर का कारण बन चुका है। कांग्रेस पार्टी उनके साथ जो भी करती है, वह उसे मीडिया के आगे कह देते हैं। एडवोकेट जनरल की नियुक्ति हो या फिर DGP पद पर इक़बाल प्रीत सहोता की, सिद्धू ने खुले तौर पर इसकी आलोचना की। दोनों की मीडिया से लेकर सोशल मीडिया और रैलियों तक में आलोचना की। सिद्धू के ज़िला प्रधान के बजाय कांग्रेस ने ज़िला को-आर्डिनेटर लगाए तो उन्होंने रैली में फिर बेबसी ज़ाहिर कर दी। इससे पार्टी और सरकार की आलोचना हुई तो हाईकमान को तुरंत लिस्ट जारी करनी पड़ी।
सिद्धू को दबाने की कोशिश हो रही नाकाम
कांग्रेस लगातार सिद्धू को दबाने की कोशिश भी कर रही है। इसके लिए उनके ज़िला प्रधानों की लिस्ट रोकी गई। सरकार में उनकी दखलअंदाजी बंद करने की कोशिश की गई। सिद्धू ने AG और DGP की नियुक्ति के विरोध में इस्तीफ़ा दे दिया तो हाईकमान ने मनाने की कोशिश नहीं की, लेकिन कांग्रेस फिर भी सिद्धू को दबा नहीं सकी। सिद्धू इस बात का जरुर ध्यान रख रहे हैं कि वह पंजाब में सरकार और संगठन के साथ चाहे जो मर्ज़ी करें, लेकिन हाईकमान और ख़ासकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को नाराज़ न करें।
कांग्रेस का SC कार्ड हो सकता है फेल
सिद्धू के रवैये से कांग्रेस का SC कार्ड फेल हो सकता है। पंजाब में 32% एससी वोट बैंक है, जिसे देखते हुए कांग्रेस ने पंजाब को चरणजीत चन्नी के रूप में पहला अनुसूचित जाति का CM दिया। हालांकि सरकार सिद्धू के दबाव से परेशान है। सीएम चन्नी के फ़ैसलों को सिद्धू लॉलीपॉप से लेकर छुरलियां तक कह रहे हैं। अब SC सिख चेहरे इक़बाल प्रीत सहोता को हटाना भी राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है।