Jeffrey Epstein List Release : अमेरिका में एक ऐसा सियासी तूफान आने वाला है जो दुनिया के कई बड़े और रसूखदार चेहरों को बेनकाब कर सकता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आखिरकार ‘एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट’ (Epstein Files Transparency Act) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इस एक दस्तखत के साथ ही जेफरी एपस्टीन के सेक्स स्कैंडल से जुड़े उन काले चिट्ठों के बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है, जिसे लेकर सालों से रहस्य बना हुआ था।
ट्रम्प के इस एक्शन के बाद अमेरिकी न्याय विभाग (Department of Justice) के पास अब कोई बहाना नहीं बचा है। उन्हें अगले 30 दिनों के अंदर जेफरी एपस्टीन के यौन अपराधों और 2019 में जेल में हुई उसकी संदिग्ध मौत से जुड़ी सभी फाइलों को सार्वजनिक करना होगा।
ट्रम्प का ‘डेमोक्रेट्स’ पर पलटवार
इस विधेयक पर हस्ताक्षर करते ही डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ (Truth Social) पर विरोधियों पर निशाना साधा। उन्होंने इसे डेमोक्रेट्स का एक ‘छलावा’ (Hoax) बताया। ट्रम्प का कहना है कि डेमोक्रेट्स ने उनकी शानदार चुनावी जीत से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए एपस्टीन के मुद्दे का इस्तेमाल किया है। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि रिपब्लिकन पार्टी ने भी अंततः इस बिल का समर्थन किया।
हैरानी की बात यह है कि जो रिपब्लिकन पार्टी महीनों से इस बिल का विरोध कर रही थी, उसने अचानक यू-टर्न ले लिया। अमेरिकी सदन में यह विधेयक 427 वोटों के भारी बहुमत से पास हुआ, जबकि इसके विरोध में केवल एक वोट पड़ा। यह द्विदलीय एकता दिखाती है कि अब अमेरिका का राजनीतिक तंत्र इस गंदगी को और नहीं छिपाना चाहता।
क्या ट्रम्प के पुराने दोस्त बेनकाब होंगे?
जैसे ही यह खबर सामने आई, एक बड़ा सवाल यह उठने लगा है कि क्या इन फाइलों में खुद डोनाल्ड ट्रम्प के पुराने राज भी सामने आएंगे? यह किसी से छिपा नहीं है कि एक वक्त पर ट्रम्प और जेफरी एपस्टीन दोस्त थे। हालांकि, ट्रम्प लगातार यह कहते रहे हैं कि उन्हें एपस्टीन के अपराधों की जानकारी नहीं थी और उन्होंने बहुत पहले ही उससे रिश्ते तोड़ लिए थे।
यह नया कानून साफ करता है कि न्याय विभाग अब ‘शर्मिंदगी’, ‘प्रतिष्ठा को नुकसान’ या ‘राजनीतिक संवेदनशीलता’ का हवाला देकर जानकारी को छिपा नहीं सकता। हालांकि, पीड़ितों की पहचान और गोपनीयता को सुरक्षित रखा जाएगा, लेकिन बाकी दुनिया के लिए सच सामने आ जाएगा।
कौन था जेफरी एपस्टीन?
जेफरी एपस्टीन अमेरिका का एक बदनाम फाइनेंसर था, जिसके दुनिया के सबसे अमीर और ताकतवर लोगों—राजनेताओं, मशहूर हस्तियों और राजघरानों—से गहरे संबंध थे। उस पर कम उम्र की लड़कियों की तस्करी (Sex Trafficking) और यौन शोषण का रैकेट चलाने का आरोप था।
एपस्टीन का स्कैंडल इतना बड़ा था कि जब इसमें ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू का नाम आया, तो उन्हें अपना शाही टाइटल तक गंवाना पड़ा। साल 2019 में मैनहट्टन की एक जेल में एपस्टीन की मौत हो गई थी, जिसे आत्महत्या बताया गया था, लेकिन इस पर आज भी सवाल उठते हैं। अब इन फाइलों के खुलने से यह भी साफ हो पाएगा कि उसकी मौत के पीछे की असली कहानी क्या थी।
जानें पूरा मामला
यह मामला जेफरी एपस्टीन द्वारा चलाए जा रहे एक हाई-प्रोफाइल सेक्स ट्रैफिकिंग रिंग से जुड़ा है। पीड़ितों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की ओर से सालों से यह मांग की जा रही थी कि इस केस से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक किया जाए, ताकि दोषियों को सजा मिल सके। राजनीतिक दबाव के चलते अमेरिकी कांग्रेस ने ‘एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट’ पास किया, जिसे अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। इसका मकसद पारदर्शिता लाना और भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकना है।
मुख्य बातें (Key Points)
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डोनाल्ड ट्रम्प ने एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
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न्याय विभाग को 30 दिनों के भीतर एपस्टीन से जुड़ी सभी फाइलें सार्वजनिक करनी होंगी।
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यह बिल सदन में 427-1 के भारी बहुमत से पास हुआ था।
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जेफरी एपस्टीन पर कम उम्र की लड़कियों की तस्करी और यौन शोषण के आरोप थे।






