EPFO : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) इक्विटी मार्केट में धीरे-धीरे निवेश बढ़ाकर 25 फीसदी करने पर विचार कर रहा है। फिलहाल यह सीमा 15 फीसदी है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पहले निवेश बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाएगा और फिर दूसरे चरण में 25 फीसदी किया जाएगा।
इससे पहले शुक्रवार को सरकार ने 2021-22 के लिए 8.1 फीसदी ब्याज दर को स्वीकृति दे दी थी, जो चार दशक से ज्यादा का निचला स्तर है। ईपीएफओ के इस समय लगभग 5 करोड़ सब्सक्राइबर हैं। EPFO की इसके जरिये डेट सिक्योरिटीज (debt securities) में निवेश से मिले कम रिटर्न की भरपाई के लिए स्टॉक्स में निवेश बढ़ाने की योजना है।
जून के आखिरी सप्ताह में होगी सीबीटी की मीटिंग
दो सप्ताह पहले हुई फाइनेंस इनवेस्टमेंट एंड ऑडिट कमेटी की बैठक में स्टॉक्स में निवेश के मसले पर चर्चा हुई थी। इस प्रस्ताव को जून के आखिरी सप्ताह में होने वाली ईपीएफओ सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में रखा जाएगा। यह सिफारिश आगे श्रम मंत्रालय और फिर अंतिम मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय में भेजी जाएगी।
ईपीएफओ वर्तमान में 15 फीसदी निवेश करता है ईटीएफ में
ईपीएफओ (EPFO) ने मौजूदा 15 फीसदी के स्तर पर कुछ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स में लगभग 1,800-2,000 करोड़ रुपये निवेश करता है। ईपीएफओ को रोजाना औसतन 600 करोड़ रुपये मिलते हैं और उसमें से 200 करोड़ रुपये दावों के निस्तारण में चले जाते हैं। EPFO अधिकारियों ने इक्विटी स्कीम्स में निवेश की संभावनाओं के आकलन के लिए म्यूचुअल फंड मैनेजर्स से मुलाकात की है।
चार दशकों के निचले स्तर पर है ईपीएफ पर ब्याज दर
ईपीएफ पर मौजूदा 8.1 फीसदी की ब्याज दर 1977-78 के बाद का निचला स्तर है, उस समय ब्याज दर 8 फीसदी थी। मार्च, 2021 में सीबीटी ने 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.5 फीसदी ब्याज दर तय की थी। वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर, 2021 में इस पर मुहर लगा दी थी। इसके बाद, ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को सब्सक्राइबर्स के खातों में 2020-21 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज दर जमा करने के निर्देश दिए थे।