नई दिल्ली (The News Air): हायर पेंशन के लिए आवेदन करने का आखिरी पड़ाव है। आवेदन की अंतिम तारीख 26 जून है। लेकिन, आवेदन की प्रक्रिया से जुड़े कई मुद्दे हैं जिन पर अभी भी स्पष्टता की कमी है। आवेदन करने वालों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा है। इससे जुड़े कई सवाल हैं, जिनका स्पष्ट जवाब अभी तक ईपीएफओ यानी Employees Provident Fund Organisation (EPFO) से नहीं मिल सकी है और एम्पलॉयी में असमंजस बरकरार है। ऐसे में EPFO पर हायर पेंशन के लिए अंतिम तारीख बढ़ाने का दबाव बढ़ता जा रहा है। इनमें से प्रमुख सवाल यह है कि पेंशन का भुगतान और इसका कैलकुलेशन कैसे किया जाएगा।
आवेदन की तारीख दो बार बढ़ाई जा चुकी है फिर भी असमंजस की स्थिति बरकरार
एक्सपर्ट का मानना है कि इस असमंजस की वजह से आवेदन की समय सीमा फिर से बढ़ाई जा सकती है। हालांकि, इसकी संभावना कम है क्योंकि इसे पहले ही दो बार तारीख बढ़ाई जा चुकी है। मगर दबाव ज्यादा बना तो फिर समय सीमा बढ़ाने के लिए अलावा कोई चारा नहीं रहेगा।
असमंजस की स्थिति क्यों है
EPFO के स्तर पर बनाए गए वेतन रिकॉर्ड और कंपनी स्तर पर रखे गए रिकॉर्ड के बीच अंतर पाए जाने पर उसका समाधान कैसे किया जाएगा। यदि कंपनियों में से कोई अब अस्तित्व में नहीं है या उसका विलय हो गया है तो क्या होगा। पेंशन का भुगतान और इसका कैलकुलेशन कैसे किया जाएगा। ऐसे कई सवाल हैं जिसकी स्पष्टता अभी नहीं हो सकी है। ऐसे में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
लेबर मिनिस्ट्री की भूमिका अहम
हायर पेंशन के आवेदन के लिए कुछ ही दिन बचे हैं। सूत्रों की मानें तो ऐसे में EPFO कुछ ऐसे सवालों के जवाब दे सकता है। इस बारे में लेबर मिनिस्ट्री की भूमिका काफी अहम है। इस पर लेबर मिनिस्ट्री भी नजर रखे हुए है। अगर मिनिस्ट्री ने आवेदकों के सवालों को लेकर ज्यादा स्पष्टता देने की बात की तो फिर EPFO को हायर पेंशन के लिए आवेदन की अंतिम तारीख बढ़ाने को बाध्य होना पड़ सकता है।






