Energy Drink Health Risks: एक 54 साल का व्यक्ति जो पूरी तरह फिट है, दौड़ने का शौकीन है और न शराब पीता है, न सिगरेट, अगर वह अचानक भयानक स्ट्रोक का शिकार हो जाए, तो हर कोई हैरान रह जाएगा। एक हालिया मेडिकल केस स्टडी ने यह साबित कर दिया है कि खुद को जगाए रखने की एक सामान्य आदत कैसे जानलेवा साबित हो सकती है। यह मामला उन सभी लोगों के लिए एक खतरे की घंटी है जो काम के दौरान अलर्ट रहने के लिए एनर्जी ड्रिंक्स का सहारा लेते हैं।
जब अचानक सुन्न पड़ गया शरीर
यह घटना एक ऐसे शख्स के साथ हुई जो अपनी सेहत को लेकर काफी सजग था। एक दिन अचानक उसे अपने शरीर के बाएं हिस्से में अजीब सी दिक्कत महसूस हुई। शुरुआत मामूली कमजोरी से हुई, लेकिन देखते ही देखते उसका वह हिस्सा पूरी तरह सुन्न पड़ गया। हालात इतने बिगड़ गए कि उसका चलना, बोलना और यहां तक कि खाना निगलना भी मुश्किल हो गया। घबराए हुए परिजन उसे तुरंत डॉक्टर के पास लेकर भागे।
ब्लड प्रेशर देख डॉक्टर भी रह गए दंग
अस्पताल में जब डॉक्टरों ने उसका ब्लड प्रेशर (BP) चेक किया, तो वे अपनी आंखों पर यकीन नहीं कर पाए। सामान्य तौर पर बीपी 120/80 होना चाहिए, लेकिन इस मरीज का बीपी 254/150 रिकॉर्ड किया गया। इतना हाई ब्लड प्रेशर किसी के लिए भी जानलेवा हो सकता है। स्कैन करने पर पता चला कि उसके ब्रेन के ‘थैलेमस’ (Thalamus) हिस्से में स्ट्रोक पड़ा है। डॉक्टरों ने उसे तुरंत भर्ती किया और बीपी कम करने के लिए पांच अलग-अलग तरह की दवाइयां दीं।
आठ कैन रोज पीने की खतरनाक लत
हैरानी की बात यह थी कि अस्पताल से डिस्चार्ज होने और दवाइयां लेने के बाद भी मरीज का बीपी कम नहीं हो रहा था। कई हफ्तों की जांच के बाद आखिरकार राज खुला। मरीज ने बताया कि वह एक गोदाम में काम करता है और वहां अलर्ट रहने के लिए उसे एनर्जी ड्रिंक्स पीने की आदत है। वह रोज करीब 8 एनर्जी ड्रिंक्स पी जाता था।
शरीर में जा रहा था जहर
हिसाब लगाने पर पता चला कि हर एनर्जी ड्रिंक में लगभग 160 मिलीग्राम कैफीन थी। यानी वह शख्स हर रोज करीब 1280 मिलीग्राम कैफीन अपने शरीर में डाल रहा था। जैसे ही उसने ये ड्रिंक्स पीना बंद किया, उसका ब्लड प्रेशर नॉर्मल हो गया, हालांकि स्ट्रोक का असर अब भी बाकी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन की गाइडलाइंस के मुताबिक, एक दिन में 300 मिलीग्राम से ज्यादा कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए, जबकि वह इसकी चार गुना मात्रा ले रहा था।
सिर्फ कैफीन नहीं, ये भी हैं दुश्मन
बत्रा हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर, नई दिल्ली के न्यूरोलॉजी एचओडी डॉ. बिप्लव दास बताते हैं कि एनर्जी ड्रिंक्स में केवल कैफीन ही नहीं, बल्कि ‘टॉरिन’ (Taurine) जैसे अमीनो एसिड भी होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को अचानक बढ़ा देते हैं। इसके अलावा, इसमें मौजूद ग्लूकोज की भारी मात्रा खून की नलियों को नुकसान पहुंचाती है। कई ड्रिंक्स में ‘गुराना’ और ‘जिनसेंग’ जैसे उत्तेजक (Stimulants) भी मिले होते हैं।
कैसे आता है स्ट्रोक?
डॉ. दास के अनुसार, जब कोई व्यक्ति लगातार एनर्जी ड्रिंक्स पीता है, तो शरीर ‘ओवर-स्टिमुलेशन’ की स्थिति में चला जाता है। इससे दिल की धड़कनें बहुत तेज हो जाती हैं और बीपी बढ़ जाता है। इसका सीधा असर दिमाग तक खून ले जाने वाली नसों पर पड़ता है; वे सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड फ्लो कम हो जाता है। इतना ही नहीं, ये ड्रिंक्स खून को चिपचिपा बना देती हैं, जिससे थक्के (Clot) जमने का रिस्क बढ़ जाता है और यही क्लॉटिंग स्ट्रोक का कारण बनती है।
जानें पूरा मामला
यह पूरा वाकया ‘बीएमजे केस रिपोर्ट्स’ (BMJ Case Reports) जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी पर आधारित है। स्टडी की लेखक और नॉटिंगहम यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स की रेजिडेंट डॉ. मार्था कोयल ने बताया कि कुछ एनर्जी ड्रिंक्स में तो 500 मिलीग्राम तक कैफीन हो सकता है, जबकि एक कप चाय में औसतन 30 से 65 मिलीग्राम और कॉफी में 80 से 129 मिलीग्राम कैफीन होता है। डॉक्टरों की सलाह है कि एनर्जी ड्रिंक्स की जगह नारियल पानी, नींबू पानी या ग्रीन टी जैसे हेल्दी विकल्पों को चुनना चाहिए।
मुख्य बातें (Key Points)
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रोजाना 8 एनर्जी ड्रिंक पीने वाले व्यक्ति को हाई बीपी के कारण ब्रेन स्ट्रोक हुआ।
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मरीज का ब्लड प्रेशर सामान्य से दोगुना (254/150) पहुंच गया था।
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एनर्जी ड्रिंक्स में मौजूद कैफीन, टॉरिन और शुगर खून को गाढ़ा करते हैं और नसों को सिकोड़ते हैं।
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ICMR के अनुसार, एक दिन में 300 मिलीग्राम से ज्यादा कैफीन का सेवन हानिकारक है।






