Elon Musk ने पीएम मोदी को बधाई दी है लेकिन ये क्यों है ‘कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना’!

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नई दिल्ली, 20 जुलाई (The News Air): अमेरिका के दिग्गज और बहुचर्चित उद्योगपति एलन मस्क ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है। बधाई इस बात पर कि मोदी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर फॉलोवर्स की संख्या 10 करोड़ हो गई है। वह एक्स पर सबसे ज्यादा फॉलोवर्स वाले वर्ल्ड लीडर हैं।

दिलचस्प बात ये है कि एक्स के मालिक भी एलन मस्क ही है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले वैश्विक नेता बनने पर बधाई!’ पीएम मोदी को उनकी बधाई सामान्य शिष्टाचार हो सकती है लेकिन बिजनसमैन मस्क इसके जरिए ‘कहीं पर पर निगाहें, कहीं पर निशाना’ भी साध सकते हैं, इससे भला कौन इनकार कर सकता है। ऐसा क्यों, आइए समझते हैं।

भारत में एंट्री को बेकरार मस्क!

एलन मस्क लंबे समय से भारत में अपने कारोबार की एंट्री चाह रहे हैं। टेस्ला कारें हो या सैटलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक या फिर स्पेस में स्पेस-एक्स और इसरो के बीच संभावनाओं का विस्तृत आकाश…भारत मस्क के लिए अपार संभावनाओं का द्वार है। वह लंबे समय से भारत में अपने कारोबारी साम्राज्य को लाना चाहते हैं लेकिन एक हार्डकोर और कड़क सौदेबाज बिजनसमैन होने की वजह से उनकी हसरतें परवान नहीं चढ़ पा रहीं। 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अमेरिका दौरे में टेस्ला की कैलिफोर्निया फैक्ट्री भी गए थे। तब मोदी का बतौर प्रधानमंत्री पहला कार्यकाल सालभर पहले ही शुरू हुआ था। आज उनका तीसरा कार्यकाल शुरू हो चुका है लेकिन मस्क की बहुचर्चित कंपनियों की भारत में एंट्री अबतक नहीं हो पाई है।

असल में मस्क भारत में बहुत ज्यादा रियायत चाहते हैं। बात यहां अटकती है और कभी बनते-बनते रह जाती है किसी अन्य वजह से। इसी साल अप्रैल में वह भारत आने वाले थे। खुद ही ऐलान किया था। माना जा रहा था कि उनके दौरे से टेस्ला और स्टारलिंक की भारत में एंट्री का रास्ता साफ हो जाएगा। लेकिन मस्क ने आखिरी क्षणों में भारत का दौरा रद्द कर दिया। भारत के बजाय वह अचानक चीन के दौरे पर पहुंच गए। हालांकि, उनके चीन दौरे की वजह वहां टेस्ला के प्रदर्शन में आई गिरावट और चुनौतियों को माना गया।

मस्क के लिए भारत में मौके ही मौके

एलन मस्क के लिए भारत में मौके ही मौके हैं। इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट में टेस्ला, सैटलाइट इंटरनेट के क्षेत्र में स्टारलिंक और स्पेस साइंस सेक्टर में स्पेस-एक्स के लिए भारत में खूब संभावनाएं हैं। भारत दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है जहां मिडल क्लास की एक विशाल आबादी है। ये सब भारत को मस्क ही क्यों, किसी भी उद्योगपति और यहां तक कि देश के लिए भी बेहद आकर्षक बनाता है। भारत में इलेक्ट्रिक वीइकल का मार्केट अभी बहुत छोटा है लेकिन ये तेजी से बढ़ने वाला है। पिछले एक दशक में ये तेजी से बढ़ा भी है। 2014-15 में भारत में 2000 ईवी की बिक्री हुई थी जो 2023-24 में बढ़कर 12 लाख तक पहुंच चुकी है। हालांकि, 2023 में देश में कुल बिकने वाली गाड़ियों में ईवी की हिस्सेदारी सिर्फ 2 प्रतिशत थी। सरकार का लक्ष्य 2030 तक इसे बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने की है। यानी आने वाले समय में भारत में ईवी सेक्टर में जबरदस्त बूम देखने को मिल सकती है। इस मौके को मस्क भी हाथ से नहीं फिसलने देना चाहेंगे।

वैसे इस साल अप्रैल में जब मस्क भारत आने वाले थे तब ऐसी अटकलें थीं कि वह भारत में टेस्ला की मध्यम-कीमत वाली कार (20-25 लाख रुपये) के उत्पादन के लिए निवेश का ऐलान कर सकते हैं। ये भी साफ नहीं था कि टेस्ला भारत में प्रस्तावित फैक्ट्री को खुद चलाएगी या किसी भारतीय साझेदार को भी शामिल करेगी।

मस्क का भारत प्रेम

मस्क ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का पुरजोर समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि यूएन का मौजूदा ढांचा दुनिया के कुछ सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों का पर्याप्त रूप से प्रतिनिधित्व नहीं करता। उन्होंने यूएन में सुधार की मांग करते हुए कहा था, ‘समस्या ये है कि जिनके पास अतिरिक्त शक्तियां हैं वे इसे छोड़ना नहीं चाहते हैं। सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश होने के बावजूद भारत के पास सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट नहीं होना बेतुका है।’

चीन में मस्क के सामने चुनौतियां

मस्क वैसे तो राजनीतिक मुद्दों पर भी अपनी बेबाक राय के लिए जाने जाते हैं। लेकिन वह मूल रूप से हैं तो उद्योगपति ही जो अपने हित को तरजीह देंगे ही। संयोग से टेस्ला अभी अमेरिका के साथ-साथ चीन में चुनौतियों का सामना कर रही है। अमेरिका और चीन में उसकी बिक्री में गिरावट आई है। टेस्ला को अपने वर्कफोर्स में 10 प्रतिशत की बड़ी छंटनी तक करनी पड़ी है। हाल के महीनों में टेस्ला की कारों की चीन में बिक्री घटी है। वह बिक्री में लोकल ईवी मैन्यूफैक्चरर्स से पिछड़ रही है। ये भी बड़ी वजह है कि मस्क भारत में तेजी से बढ़ते ईवी मार्केट में अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराना चाहेंगे।

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