Tesla CEO Elon Musk : टेस्ला के सीईओ एलॉन मस्क ट्विटर (Twitter) के बोर्ड में शामिल नहीं होने जा रहे हैं। माइक्रोब्लॉगिंग साइट के सीईओ पराग अग्रवाल (Parag Agrawal) ने सोमवार, 11 अप्रैल को इस बात की पुष्टि कर दी है।
अमेरिकी अरबपति ने हाल में Twitter में 9.2 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी और बाद में ऐलान किया था कि वह इस प्लेटफॉर्म के बोर्ड में शामिल हो जाएंगे। एलॉन मस्क (Elon Musk) को 9 अप्रैल को ट्विटर के बोर्ड में शामिल होना था, लेकिन उसी दिन उन्होंने कहा कि वह ऐसा नहीं कर पाएंगे। वहीं पराग अग्रवाल ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर एक बयान जारी करके इस बात की पुष्टि कर दी है।
Parag Agrawal ने दिया यह बयान
अग्रवाल ने एक ट्वीट में कहा, “एलॉन के बोर्ड में शामिल होने को लेकर बोर्ड और मेरे बीच कई बार चर्चा हुई। साथ ही सीधे एलॉन से भी बातचीत हुई। हम उनके साथ सहयोग को लेकर खासे उत्साहित थे और हमें इसके जोखिमों के बारे में भी पता था। हम यह भी मानते थे कि एलॉन को दूसरे बोर्ड मेंबर्स की तरह कंपनी और हमारे सभी शेयरधारकों के सर्वोत्तम हित में कार्य करना था। उन्होंने कंपनी से एक सहायक के रूप में जोड़ा जाना था।”
एलॉन से आगे भी मिलते रहेंगे इनपुट : अग्रवाल
उन्होंने कहा, “हमने मंगलवार को घोषणा की थी कि बैकग्राउंड जांच और औपचारिक स्वीकृति के बाद एलॉन की बोर्ड में नियुक्ति हो जाएगी। उनकी नियुक्ति 9 अप्रैल को प्रभावी होनी थी, लेकिन एलॉन ने उसी सुबह सूचित किया कि वह बोर्ड में शामिल नहीं हो सकेंगे।” अग्रवाल ने कहा, हमें अपने शेयरहोल्डर्स से सलाह मिलती रही हैं और आगे भी मिलती रहेंगी, चाहे वे हमारे बोर्ड में हों या नहीं हों। एलन ट्विटर के सबसे बड़े शेयरहोल्डर हैं और उनसे आगे भी इनपुट मिलते रहेंगे।
अग्रवाल ने कहा, “हम खुद फैसले लेते हैं और उन्हें लागू करते हैं, कोई और नहीं। चलिए, चर्चाओं को खत्म करते हैं और काम पर ध्यान केंद्रित करते हैं।”
मस्क की ट्विटर में है 9.2 फीसदी हिस्सेदारी
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और टेस्ला व स्पेसएक्स जैसी कंपनियों के मालिक एलॉन मस्क (Elon Musk) ने हाल में ट्विटर (Twitter) में 9.2 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। Twitter ने बताया था कि एलॉन मस्क ने अपने एक ट्रस्ट के जरिए ट्विटर में पैसिव हिस्सेदारी (Passive Stake) खरीदी है। पैसिव हिस्सेदारी का मतलब होता है कि शेयरहोल्डर कंपनी के रोजाना के कामकाज में कोई दखल नहीं देता है और वह सिर्फ शेयरों से लंबी अवधि में मिलने वाले फायदे को ध्यान में रखकर निवेश करता है।