Elon Musk के फैसलों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं, खासकर जब से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने सत्ता संभाली है। हाल ही में रिपब्लिकन सांसदों (Republican Lawmakers) के सामने बयान देते हुए Musk ने साफ कहा कि वे सरकारी एजेंसियों में हुई छंटनी के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। उन्होंने बताया कि यह निर्णय संघीय एजेंसियों (Federal Agencies) ने लिया और उन्होंने इसमें कोई व्यक्तिगत भूमिका नहीं निभाई।
रिपब्लिकन सांसदों के विरोध और समर्थन के बीच फंसे Elon Musk
Musk, जो राष्ट्रपति ट्रंप के सबसे प्रभावशाली सलाहकारों में से एक माने जाते हैं, इस विवाद के केंद्र में हैं। रिपब्लिकन सांसदों में से कुछ उनके Efficiency Department के फैसलों का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन कई निजी तौर पर इसका विरोध भी कर रहे हैं। वजह यह है कि इन छंटनियों का असर अमेरिका (USA) के विभिन्न समुदायों पर पड़ा है।
“Musk नौकरी से नहीं निकालते” – सांसद का दावा
कैपिटल बिल्डिंग (Capitol Building) में हुई एक बैठक के बाद, रिपब्लिकन सांसद रिचर्ड हडसन (Richard Hudson) ने बयान दिया कि “Elon Musk का उद्देश्य केवल लोगों की दक्षता का विश्लेषण करना है, न कि उन्हें नौकरी से निकालना।” उनका कहना था कि राष्ट्रपति ट्रंप ने Musk को सिर्फ सरकारी कर्मचारियों की क्षमता और प्रदर्शन की समीक्षा करने की शक्ति दी थी, लेकिन नौकरी से हटाने का अधिकार नहीं दिया।
डोनाल्ड ट्रंप ने भी किया Elon Musk का बचाव
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी स्पष्ट किया कि Musk केवल सरकार के सलाहकार हैं और किसी को नौकरी से निकालने का निर्णय उन्होंने नहीं लिया। उन्होंने कहा कि Efficiency Department को सरकारी विभागों के साथ मिलकर काम करने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन किसी को नौकरी से हटाना या बनाए रखना पूरी तरह से उन सरकारी विभागों का निर्णय था।
“कम उत्पादक कर्मचारियों की छंटनी जरूरी” – ट्रंप
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम कम उत्पादक कर्मचारियों को हटाएं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि जरूरत से ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाल दिया जाए। हमें ऐसे लोगों की जरूरत है जो सरकार के लिए अधिक उत्पादक और कुशल हों।”
इस बयान के बाद भी Elon Musk की भूमिका को लेकर बहस जारी है। क्या सच में Musk छंटनी के फैसले में शामिल नहीं थे, या यह केवल एक राजनीतिक बयानबाजी है? यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।